नई दिल्ली: चीफ जस्टिस एस बोबड़े सहित सुप्रीम कोर्ट के सभी 33 न्यायाधीशों ने कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिये ‘पीएम केयर्स कोष’ में 50-50 हजार रुपए का योगदान करने का निश्चय किया है। शीर्ष अदालत के सूत्रों ने यह जानकारी दी। जस्टिस एनवी रामना पहले ही 1-1 लाख रुपये प्रधानमंत्री और आंध्रप्रदेश व तेलंगाना मुख्यमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं।
मालूम हो कि पीएम केयर्स फंड का गठन कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले के लिए किया गया है। इसके गठन के वक्त पीएम मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए इसमें ज्यादा से ज्यादा दान करें। पीएम केयर्स फंड का गठन एक अलग पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में किया गया जिसका पूरा नाम है- प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड।
वहीं,टाटा समूह ने कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की सहायता देने का संकल्प घोषित किया । टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग फर्म टाटा संस ने कोविड-19 महामारी को रोकने और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की, जबकि इससे पहले टाटा ट्रस्ट ने 500 करोड़ रुपये देने का वचन दिया था।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा कि समूह जरूरी वेंटिलेटरों का इंतजाम भी कर रहा है और जल्द ही भारत में भी इसका निर्माण करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 के प्रकोप से मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसके लिए हमारी तरफ से बहुत बड़े स्तर की कार्रवाई की आवश्यकता है।’’