लाइव न्यूज़ :

प्रदर्शनकारी किसानों की मदद करने के कारण दुष्प्रचार का सामना करना पड़ा : खालसा ऐड इंडिया के निदेशक

By भाषा | Updated: December 29, 2020 20:40 IST

Open in App

(माणिक गुप्ता)

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर संकट और परेशानियों का सामना करने वाले लोगों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठन ‘खालसा ऐड इंडिया’ ने कहा है कि किसानों के मौजूदा आंदोलन के दौरान ‘‘अपने लोगों’’ की मदद के लिए संगठन को ‘‘तिरस्कार’’ का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2013 में चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर पंजीकरण कराने वाला ‘खालसा ऐड इंडिया’ सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के पहले दिन से ही वहां मदद में जुटा है। शुरुआत में केवल लंगर लगाए गए। इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों की अन्य जरूरतों को पूरा करने की ओर ध्यान गया।

एनजीओ अभी 600 बिस्तरों वाला एक आश्रय स्थल चला रहा है। इसके अलावा दो किसान मॉल भी चलाए जा रहे हैं जिसमें जरूरतमंदों को अंत: वस्त्र, गर्म कपड़े, टूथब्रश और सैनेटरी पैड जैसे रोजाना इस्तेमाल के सामान दिए जाते हैं।

खालसा ऐड प्रोजेक्ट (एशिया चेप्टर) के निदेशक अमरप्रीत सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि छह पूर्णकालिक कर्मचारियों की एक टीम और 150 से ज्यादा कार्यकर्ता विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर लगातार मदद मुहैया करा रहे हैं।

उन्होंने आशंका जतायी कि दुष्प्रचार की वजह से कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘(मीडिया का एक धड़ा और कुछ लोग) वे पूछते हैं कि हमें कौन धन मुहैया करा रहा है? क्या आप सिख होने के कारण यहां समर्थन देने आए हैं? आपका एजेंडा क्या है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘केरल में बाढ़, कोविड-19 महामारी या अमरनाथ यात्रा के दौरान हमने जब लोगों की मदद की तो किसी ने इस तरह के सवाल नहीं पूछे। फिर आज क्यों सवाल पूछे जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा , ‘‘खालसा ऐड इंडिया के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और दान में मिले एक-एक पैसे का हमारे पास हिसाब है ।’’

सिंह ने कहा, ‘‘हम पंजीकृत संगठन है। भारत सरकार कभी भी हमारे खाते की जांच कर सकती है। लेकिन हमारे खिलाफ जारी दुष्प्रचार अभियान रूकना चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ता है जो अपनी नौकरी, परिवार और कारोबार छोड़कर किसानों की सेवा के लिए यहां आए हैं।’’

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसान हमारे अपने ही लोग हैं जिन्होंने हमें इस संगठन को तैयार करने में मदद की थी। निश्चित तौर पर हम उनकी सहायता करेंगे। प्रदर्शन भी बड़े स्तर पर हो रहा है यही कारण है कि हम भी पूरी क्षमता के साथ मदद कर रहे हैं।’’

सिंह ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद करने और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के लिए लंगर की व्यवस्था के दौरान भी संगठन को बदनाम करने के प्रयास किए गए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटAustralia vs England, 3rd Test: संकट में इंग्लैंड, 228 रन पीछे और हाथ में केवल 4 विकेट?, 5वें दिन हारेंगे, एडिलेड में एशेज पर कब्जा रखेगा ऑस्ट्रेलिया?

क्रिकेटIND vs SA 5th T20I: 25 गेंद, 63 रन, 5 चौके और 5 छक्के?, 41 रन देकर 1 विकेट, सुपर हीरो हार्दिक पंड्या, डेल स्टेन ने कहा-सेलिब्रिटी का दर्जा हासिल किया

विश्वतोशाखाना भ्रष्टाचार मामलाः पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पत्नी बुशरा बीबी को 17-17 साल के कारावास की सजा, एक-एक करोड़ रुपये जुर्माना

बॉलीवुड चुस्कीYear-Ender 2025: बड़े सुपरस्टार, करोड़ों का बजट...फिर भी बुरी तरह फ्लॉप हुई ये फिल्में

क्राइम अलर्ट9 अप्रैल को 12 वर्षीय लड़की का अपहरण कर बलात्कार, 8 माह बाद 19 दिसंबर को बिहार के शिवहर से शिवम कुमार पटेल अरेस्ट

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र चुनावः 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में मतदान, स्थानीय निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों पर पड़े रहे वोट, जानें लाइव

भारतArunachal Pradesh Local Body Election Results 2025: 186 जिला परिषद सदस्य सीट की गिनती जारी, ग्राम पंचायत में 6,227 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

भारतDelhi Fog: दिल्ली में छाया घना कोहरा, 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यात्रियों के लिए जारी एडवाइजरी

भारतहाथियों के झुंड के टकराई राजधानी एक्सप्रेस, पटरी से उतरे कई डब्बे; 8 हाथियों की मौत

भारतMP News: भोपाल में आज मेट्रो का शुभारंभ, जानें क्या है रूट और कितना होगा टिकट प्राइस