सुदर्शन टीवी: न्यायालय ने केन्द्र के हलफनामे का लिया संज्ञान, सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित की

By भाषा | Updated: November 19, 2020 16:22 IST2020-11-19T16:22:37+5:302020-11-19T16:22:37+5:30

Sudarshan TV: Court takes cognizance of Center's affidavit, hearing adjourned for two weeks | सुदर्शन टीवी: न्यायालय ने केन्द्र के हलफनामे का लिया संज्ञान, सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित की

सुदर्शन टीवी: न्यायालय ने केन्द्र के हलफनामे का लिया संज्ञान, सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित की

नयी दिल्ली, 19 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केन्द्र सरकार के हलफनामे का संज्ञान लिया जिसमें उसने यह पाया कि सुदर्शन टीवी के ‘बिन्दास बोल’ कार्यक्रम में नौकरशाही में मुस्लिम समुदाय की कथित घुसपैठ पर चार कड़ियों के माध्यम से कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन किया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को न्यायालय में दाखिल हलफनामे में चार नवंबर का आदेश भी संलग्न किया है जिसके माध्यम से उसने चैनल को भविष्य में इस तरह के उल्लंघन होने पर ‘कठोर दंडात्मक कार्रवाई’ के बारे में आगाह किया है।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा की पीठ के समक्ष आज जब यह मामला सुनवाई के लिये आया तो उसने इस प्रकरण से जुड़े पक्षकारों को केन्द्र के जवाब का अवलोकन करके अपने प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश देते हुये इसे दो सप्ताह के लिये स्थगित कर दिया।

पीठ ने कहा कि याचिकाओं पर दो सप्ताह बाद विचार किया जायेगा।

सुनवाई शुरू होते ही केन्द्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रजत नायर ने पीठ को सूचित किया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक हलफनामा दाखिल किया है जिसके साथ चैनल को उसके विवादास्पद कार्यक्रम के बारे में जारी कारण बताओ नोटिस की कार्यवाही से संबंधित चार नवंबर को पारित आदेश भी संलग्न है।

रिकार्ड पर लाये गये मंत्रालय के इस आदेश में कहा गया है, ‘‘चैनल के लिखित और मौखिक कथन पर विचार के बाद मंत्रालय की राय है कि यद्यपि बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी मौलिक अधिकार है, लेकिन प्रसारित कड़ियों में प्रयुक्त भाषा और उनका अंदाज संकेत देता है कि चैनल ने अपने तमाम कथन और ऑडियो-वीडियो सामग्री से कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन किया है।’’

आदेश में आगे कहा गया है, ‘‘मंत्रालय ने इन्हें रूचिकर नहीं पाया, ये आहत करने वाले हैं और सांप्रदायिकता को उभारने वाले लगते हैं। ’’ इसमें कहा गया है कि मंत्रालय ने चैनल को 23 सितंबर को जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लिखित 13 वीडियो क्लिप सहित चार कड़ियों की विवेचना की है।

इसमें आगे कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले के सारे तथ्यों और परिस्थितियों की विवेचना करने और प्रसारकों के मौलिक अधिकारों में संतुलन बनाने के बाद सुदर्शन टीवी चैनल लि को भविष्य में अधिक सावधान रहने के लिये आगाह किया जाता है। इसमें यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर भविष्य में कार्यक्रम संहिता के किसी उल्लंघन का पता चला तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।

मंत्रालय ने कहा है कि चैनल के कार्यक्रम की शेष कड़ियों का प्रसारण शीर्ष अदालत में लंबित मामले में आदेश के दायरे में होगा।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले इस कार्यक्रम की शेष कड़ियों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था।

केन्द्र ने 23 सितंबर को न्यायालय को सूचित किया था कि उसने सुदर्शन टीवी के ‘बिन्दास बोल’ कार्यक्रम को पहली नजर में कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन करने वाला पाया है और उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस कारण बताओ नोटिस के आलोक में चैनल के खिलाफ सरकार की कार्रवाई न्यायालय के आदेश के दायरे में होगी।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने इस कार्यक्रम को लेकर सुदर्शन टीवी के अधिकारियों से सवाल किया था कि क्या एक पूरे समुदायों को निशाना बनाने की अनुमति मीडिया को दी जा सकती है।

न्यायालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) से इलेक्ट्रानिक मीडिया को स्व:नियंत्रित करने की एनबीए की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के बारे में सुझाव भी मांगे थे।

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Web Title: Sudarshan TV: Court takes cognizance of Center's affidavit, hearing adjourned for two weeks

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