चेन्नई के अस्पताल में ‘होप’ पंप के जरिए मरीज में कामयाब यकृत प्रतिरोपण

By भाषा | Updated: June 25, 2021 18:09 IST2021-06-25T18:09:54+5:302021-06-25T18:09:54+5:30

Successful liver transplant in patient through 'Hope' pump in Chennai hospital | चेन्नई के अस्पताल में ‘होप’ पंप के जरिए मरीज में कामयाब यकृत प्रतिरोपण

चेन्नई के अस्पताल में ‘होप’ पंप के जरिए मरीज में कामयाब यकृत प्रतिरोपण

चेन्नई, 25 जून चेन्नई के एक निजी अस्पताल ने शुक्रवार को कहा कि उसने यकृत की बीमारी से जूझ रहे मरीज पर हाइपोथर्मिक ऑक्सीजेनेटेड परफ्यूजन (होप) पंप के साथ यकृत का सफल प्रतिरोपण किया। अस्पताल का दावा है कि देश में पहली बार इस तरीके से लिवर का प्रतिरोपण किया गया।

कोविड-19 की वजह से मृत्यु के बाद अंगदान नहीं होने के कारण देश में अंग प्रतिरोपण पर गंभीर असर पड़ा है। एमजीएम हेल्थकेयर में यकृत रोग और प्रतिरोपण संस्थान के सहायक निदेशक डॉ. कार्तिक मथिवानन ने कहा कि इस कारण से कई मरीज लंबे समय से प्रतिरोपण का इंतजार कर रहे हैं। महामारी शुरू होने के बाद पिछले साल मार्च से ही कई अस्पतालों में वैकल्पिक सर्जरी और प्रतिरोपण की प्रक्रिया रूक गयी है। कोविड-19 संक्रमण के कारण अंगदान की व्यवस्था बहाल नहीं हो पाने से चेन्नई के अस्पतालों में कई मरीज अंग प्रतिरोपण का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में एक साल में यकृत प्रतिरोपण के लिए 400 मरीज प्रतीक्षारत रहते हैं। मथिवानन ने कहा कि सैकड़ों मरीज दानदाताओं का इंतजार करते रह जाते हैं और अंग नहीं मिल पाने के कारण जान चली जाती है। गुर्दे, हृदय व फेफड़े का इंतजार कर रहे अन्य मरीजों की भी हालत नाजुक हो जाती है।

ऐसे ही एक मामले में 44 वर्षीय व्यक्ति अंगदान के लिए ढाई साल से इंतजार करते-करते यकृत की बीमारी के अंतिम चरण से गुजर रहा था। एमजीएम हेल्थकेयर में यकृत रोग और प्रतिरोपण संस्थान के निदेशक डॉ. त्यागराजग श्रीनिवासन ने कहा कि मरीज का रक्त समूह ‘एबी’ था जिससे यकृत मिलने में और दिक्कतें आ रही थी।

मरीज का दुर्लभ रक्त समूह और यकृत मिलने की कम संभावना के चलते स्थिति जटिल हो गयी थी। इसके बाद डॉ. त्यागराजन के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मामले की जटिलता और मरीज के यकृत की स्थिति को देखते हुए ‘होप’ पंप का इस्तेमाल करने का फैसला किया।

त्यागराजन ने कहा कि मरीज के परिवार को बता दिया गया कि दाता का यकृत कमजोर है और बायोप्सी पर इसमें 40 प्रतिशत वसा सामग्री मिली। इसके बाद मरीज में प्रतिरोपण के लिए मशीन पंप का इस्तेमाल किया गया। सर्जरी के दौरान मरीज की हालत स्थिर रही। अब यकृत मिलने के बाद वह सामान्य होने की ओर अग्रसर है।

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Web Title: Successful liver transplant in patient through 'Hope' pump in Chennai hospital

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