भारतीय नौसेना को सौंपा गया INS विक्रांत, समुद्र में बढ़ेगी भारत की ताकत, जानिए विशेषताएं

By शिवेंद्र राय | Published: July 29, 2022 12:21 PM2022-07-29T12:21:24+5:302022-07-29T12:25:42+5:30

भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत आइएनएस विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। विक्रांत मिग-29k लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलिकॉप्टर, एमएच-60आर बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर सहित 30 विमानों से युक्त एक एयर विंग का संचालन करेगा।

successful delivery of Indigenous Aircraft Carrier Vikrant by Cochin Shipyard | भारतीय नौसेना को सौंपा गया INS विक्रांत, समुद्र में बढ़ेगी भारत की ताकत, जानिए विशेषताएं

45000 टन के इस युद्धपोत को बनाने में 20000 करोड़ का खर्च आया है

Highlightsभारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS विक्रांतकोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को सौंपा45000 टन के इस युद्धपोत को बनाने में 20000 करोड़ की लागत आई है

कोचीन: हिंद महासागर में चीन को चुनौती देने के लिए भारतीय नौसेना की ताकत में जल्द ही बड़ा इजाफा होने वाला है। भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। 45000 टन के इस युद्धपोत को बनाने में 20000 करोड़ का खर्च आया है। इस पोत के नौसेना में शामिल हो जाने से समुद्र में भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत का नाम विक्रांत भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है। 1971 में विक्रांत नाम के विमान वाहक पोत ने भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी।

क्या है आइएनएस विक्रांत की ताकत

पहले स्वदेशी युद्धपोत विक्रांत की लंबाई 860 फीट, चौड़ाई 203 फीट, और ऊंचाई 84 फीट है। इसका कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ का है। यह युद्धपोत समुद्र में  52 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है। विक्रांत एक बार में 15000 किलोमीटर की यात्रा करने में सक्षम है। विक्रांत पर 196 नौसेना के अधिकारी और 1149 कर्मचारी रह सकते हैं। इस युद्धपोत को बनाने की शुरुआत साल 2009 में हुई थी। 45,000 टन वजनी इस विमान वाहक पोत में लगभग 76 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण लगे हैं।

आइएनएस विक्रांत कई तरह के घातक हथियारों से भी लैस है जो इसकी ताकत में भारी इजाफा करते हैं। विमान पर 4 ओटोब्रेडा 76 mm की ड्यूल पर्पज कैनन के अलावा 4 AK-630 प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन भी लगी है। इस युद्धपोत पर बराक जैसी घातक मिसाइल तैनात की जाएगी। साथ ही भविष्य में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का उन्नत वर्जन भी पोत पर तैनात किया जाएगा।

आइएनएस विक्रांत  पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन तैनात हो सकते हैं। विक्रांत से एक नए डेक-आधारित लड़ाकू विमान को संचालित करने की भी योजना है, जिसे नौसेना खरीदने की योजना बना रही है। कुल मिलाकर एक साथ इस विमान पर 30 लड़ाकू निमान तैनात किए जा सकते हैं।

Web Title: successful delivery of Indigenous Aircraft Carrier Vikrant by Cochin Shipyard

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