सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां पर उठाए सवाल, कहा- इस मोर्चे पर पिछड़ रहे

By भाषा | Updated: September 29, 2019 01:29 IST2019-09-29T01:29:57+5:302019-09-29T01:29:57+5:30

स्वामी ने यहां एक कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया कि उन्होंने देश पर सोवियत संघ का आर्थिक मॉडल ‘थोपा’ और इसी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था पीछे है।

Subramanian Swamy raises questions on Modi government's economic policies | सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां पर उठाए सवाल, कहा- इस मोर्चे पर पिछड़ रहे

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां पर उठाए सवाल, कहा- इस मोर्चे पर पिछड़ रहे

Highlightsसुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि देश वृहद आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर पिछड़ रहा है। स्वामी ने यहां एक कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि देश सही आर्थिक नीतियां नहीं अपना रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बहुत अच्छे कार्यक्रम जैसे कि ‘मेक इन इंडिया’ शुरू किए हैं लेकिन देश वृहद आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर पिछड़ रहा है। स्वामी ने यहां एक कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया कि उन्होंने देश पर सोवियत संघ का आर्थिक मॉडल ‘थोपा’ और इसी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था पीछे है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आज हम सही आर्थिक नीतियां अपना रहे हैं, मैं माफी चाहूंगा, लेकिन नहीं हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।’’ स्वामी ने कहा कि मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’, उज्ज्वला और खुले में शौच को रोकने जैसे कार्यक्रम और योजनाओं पर बहुत काम किया है। ‘लेकिन ये सभी सूक्ष्म आर्थिक उपाय हैं जबकि देश को वृहद-आर्थिक नीतियों की जरूरत है और इस पर हमने अब तक कोई काम नहीं किया है। हमें अब यह करना होगा क्योंकि अब हम कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं।’’

स्वामी ने मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए ब्याज दरें बढ़ाए जाने को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की भी आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि इससे बेरोजगारी बढ़ी और लघु एवं मध्यम उद्योग को नुकसान पहुंचा। स्वामी ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक रिण पर ब्याज दरें नौ प्रतिशत से अधिक ना हों और लोगों को सावधि एवं बचत जमाओं पर नौ प्रतिशत ब्याज मिले। यदि सरकार ऐसा करती है तो निवेश तेज होगा और इससे आर्थिक वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा चरण में माल एवं सेवाकर देश के लिए वांछित नहीं है। बचत बढ़ाने के लिए आयकर हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू के समय हम सोचते थे कि हम 3.5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं कर सकते। लेकिन आज हम सोचते हैं कि देश 10 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ सकता है। हमारे पास योग्यता, क्षमता और संसाधन है।’’

Web Title: Subramanian Swamy raises questions on Modi government's economic policies

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