उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ 15 लाख बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, सप्लाई ठप, कई शहरों में रातभर रही बत्ती गुल

By स्वाति सिंह | Published: October 6, 2020 07:57 AM2020-10-06T07:57:24+5:302020-10-06T08:03:01+5:30

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर सोमवार को ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और सरकार के बीच वार्ता भी हुई।

Strike of 15 lakh electricity workers against privatization of UP discoms, power stalled, night lights in many cities | उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ 15 लाख बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, सप्लाई ठप, कई शहरों में रातभर रही बत्ती गुल

बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो अनिश्चितकाल के लिए काम का बहिष्कार किया जाएगा।

Highlightsपूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में बिजली विभाग के 15 लाख कर्मचारी सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर चले गएविद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और सरकार के बीच वार्ता भी हुई, हालांकि वो असफल रही।

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में बिजली विभाग के 15 लाख कर्मचारी सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर चले गए।  विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और सरकार के बीच वार्ता भी हुई, हालांकि वो असफल रही। जिसके बाद समिति ने मंगलवार से पूरे प्रदेश में आंदोलन का ऐलान किया है। इन कर्मचारियों में जूनियर इंजीनियर, उप-विभागीय अधिकारी, कार्यकारी इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता शामिल हैं।

हड़ताल के चलते लखनऊ से लेकर नोएडा और मेरठ से लेकर वाराणसी तक तमाम जिलों में 10 से 16 घंटे तक हुई बिजली कटौती ने लोगों के सामने पीने के पानी तक का संकट खड़ा कर दिया। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी जैसे सूबे के बड़े शहरों के तमाम पावर स्टेशन ठप हो गए। इसके अलावा पूर्वांचल के जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, बलिया, चंदौली समेत कई जिलों में भी सुबह करीब 9 बजे से बंद हुई बिजली आपूर्ति सारी रात सामान्य नहीं हो सकी।

बिजली कर्मचारियों ने दी चेतावनी

बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो अनिश्चितकाल के लिए काम का बहिष्कार किया जाएगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक अवधेश कुमार ने कहा था कि बिजली क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में सोमवार को सुबह से शाम तक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा और यदि मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल आगे भी जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि देश के अन्य स्थानों, जैसे ओडिशा, दिल्ली, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, उज्जैन, ग्वालियर, भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर में बिजली क्षेत्र का निजीकरण असफल रहा है। उन्होंने दावा किया कि निजीकरण जनता के खिलाफ है, क्योंकि इससे बिजली महंगी हो जाएगी। इसबीच गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि किसी भी कीमत पर बिजली की 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। 

Web Title: Strike of 15 lakh electricity workers against privatization of UP discoms, power stalled, night lights in many cities

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