साइलेंसर में छेड़छाड़ कर वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई : अदालत

By भाषा | Updated: July 20, 2021 22:39 IST2021-07-20T22:39:50+5:302021-07-20T22:39:50+5:30

Strict action should be taken against vehicles causing air pollution by tampering with silencers: Court | साइलेंसर में छेड़छाड़ कर वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई : अदालत

साइलेंसर में छेड़छाड़ कर वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई : अदालत

लखनऊ, 20 जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को शासन को दोपहिया वाहनों के साइलेंसर बदलवा कर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।

अदालत ने यह भी निर्देश दिए की सुनवाई की अगली तारीख पर संबंधित अधिकारी एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि अब तक ऐसे वाहनों के चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है।

न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने बुलेट, हार्ले डेविडसन तथा कुछ अन्य कंपनियों की दोपहिया वाहनों के साइलेंसर बदलवाकर 80 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण फैलाने के बढ़ते चलन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया।

न्यायमूर्ति मोइन ने इस मामले को एक जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने और सक्षम पीठ के समक्ष पेश किए जाने के निर्देश देते हुए परिवहन तथा गृह विभाग के प्रमुख सचिवों, पुलिस महानिदेशक, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और लखनऊ के यातायात पुलिस उपायुक्त को आगामी 10 अगस्त तक अपने अपने हलफनामे दाखिल करके यह बताने को कहा है कि आखिर इस आदेश पर क्या कार्रवाई की गई।

अदालत ने कहा कि स्कूटर तथा मोटरसाइकिल से निकलने वाले शोर की अनुमन्य सीमा 75 से 80 डेसिबल है। ऐसे में साइलेंसर बदलवा कर या उसमें छेड़छाड़ करके ध्वनि की सीमा 80 डेसिबल से ज्यादा कर दी जाती है। यह ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देता है लिहाजा इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

पीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकार ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया लिहाजा अदालत को ऐसे वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की समस्या का संज्ञान लेना पड़ा।

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Web Title: Strict action should be taken against vehicles causing air pollution by tampering with silencers: Court

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