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अभी भी ‘थ्री इडियट्स’ की सफलता को भुना रहा है लद्दाख

By सुरेश डुग्गर | Updated: April 12, 2019 18:51 IST

लद्दाख के खूबसूरत लोकेशन में फिल्माई गई ‘3 इडियट्स’ ने लद्दाख में पर्यटन का चेहरा बदल कर रख दिया है। इस फिल्म की लोकप्रियता के कारण लद्दाख के पर्यटन उद्योग में शानदार उछाल देखने को मिला है। इस साल रिलीज के 10 साल पूरे करने वाली है।

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ठळक मुद्देथ्री इडियटस से लद्दाख को मिले प्रचार को राज्य सरकार भी भुना रही है। राज्य सरकार ने फिल्म से मिले प्रचार को सिंघे ख्बाव फे स्टिवल को सिंधु दर्शन यात्रा से पहले आयोजित करवा कर भी भुनाया है।

बालीवुड सुपरस्टार आमिर खान की ब्लाकबस्टर फिल्म ‘3 इडियट्स’ को रिलीज हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन आज भी इस फिल्म का क्रेज लोगों के बीच देखने को मिलता है और इस फिल्म ने सफलता के साथ बालीवुड बाक्स आफिस के परिदृश्य को बदल कर रख दिया था। जबकि इसके प्रति एक सच्चाई यह है कि बर्फिला रेगिस्तान लद्दाख इसी फिल्म की सफलता को आज भी भुना रहा है।

लद्दाख के खूबसूरत लोकेशन में फिल्माई गई ‘3 इडियट्स’ ने लद्दाख में पर्यटन का चेहरा बदल कर रख दिया है। इस फिल्म की लोकप्रियता के कारण लद्दाख के पर्यटन उद्योग में शानदार उछाल देखने को मिला है। इस साल रिलीज के 10 साल पूरे करने वाली है।

यह सच है कि ‘3 इडियट्स’ की रिलीज के पहले तक लद्दाख प्रमुख पर्यटकों के बीच एक अनजान सी जगह थी, लेकिन आमिर की फिल्म ने पर्यटकों के बीच इसे अब एक प्रसिद्धस्थल बनाने का काम किया है। खास बात यह है कि सरकार ने इस पर ध्यान देने के लिए उचित कदम उठाए हैं और जम्मू कश्मीर के पर्यटन विभाग के सचिव रिगजन सम्फेल ने बताया कि हर साल हमें नए होटलों के लिए बहुत सारे आवेदन मिल रहे हैं क्योंकि लद्दाख में पर्यटन एक आकर्षक व्यवसाय अब बन चुका है।

यह भी सच है कि आतंकवाद के कारण कश्मीर चाहे टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित कर पाया या नहीं लेकिन लद्दाख ने बाजी मार ली है। इसका सारा थ्री इडियट्स को ही जाता है जिसकी शूटिंग यहीं हुई थी। मौके का लाभ उठाने को राज्य सरकार भी पीछे नहीं रही। वह भी पिछले 10 सालों से सिंधु दर्शन यात्रा से पहले ही सिंघे ख्बाव फेस्टिवल आयोजित कर कर रही है ताकि लद्दाख आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ौतरी हो सके। और इस चाल ने काम भी कर डाला है।

जिस बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में वर्ष 2002 में मात्र 8097 टूरिस्ट आए थे उन्होंने पिछले साल नया रिकार्ड कायम करते हुए 5 लाख के आंकड़े को पार कर लिया। इस बार उम्मीद 6 से 7 लाख की है। लद्दाख हिल कांसिल के चीफ के बकौल यह सब थ्री इडियटस की देन है। आंकड़ों के बकौल, वर्ष 2007 में कुल आने वाले 50579 टूरिस्टों में 28 हजार से अधिक विदेशी थे तो वर्ष 2008 में थ्री इड्यिटस की शूटिंग के बाद यह आंकड़ा 72 हजार तक पहुंच गया जिसमें पहली बार 40 हजार के लगभग देशी टूरिस्ट शामिल हुए थे। हालांकि 2010 में लेह में बादल फटने से भारी तबाही मची थी पर टूरिस्टांे के कदम नहीं थमे। यह इसी से जाहिर होता है कि 2010 में भी 90 हजार के लगभग टूरिस्ट आए।

आने वाले टूरिस्टों में से 90 प्रतिशत का पड़ाव वह पैंगांग झील ही बन रही है जो समुद्रतल से 14500 फुट की ऊंचाई पर 130 किमी लंबा खारे पानी का एक अलग ही समुद्र है। इसी के किनारे थ्री इडियटस फिल्म के कुछ दृश्य फिल्माए गए थे।

इसका श्रेय लद्दाख की खूबसूरती के साथ साथ अब थ्री इडियटस फिल्म को भी दिया जा रहा है। थ्री इडियटस से लद्दाख को मिले प्रचार को राज्य सरकार भी भुना रही है। उसने भारत सरकार को लद्दाख के उन इलाकों को टूरिस्टों के लिए खोलने के लिए लिखा है जो अभी तक देशी और विदेशी टूरिस्टों के लिए प्रतिबंधित हैं।

राज्य सरकार ने फिल्म से मिले प्रचार को सिंघे ख्बाव फे स्टिवल को सिंधु दर्शन यात्रा से पहले आयोजित करवा कर भी भुनाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के बकौल, महंगा होने के बावजूद बर्फीला रेगिस्तान अब टूरिस्टों की प्राथमिकता अर्थात हाट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीर
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