राज्यों को बुनियादी परियोजना अनुबंधों के विवादों के हल के लिए विशेष अदालतें गठित करने को कहा गया

By भाषा | Updated: December 20, 2020 16:01 IST2020-12-20T16:01:15+5:302020-12-20T16:01:15+5:30

States were asked to set up special courts to resolve disputes in basic project contracts. | राज्यों को बुनियादी परियोजना अनुबंधों के विवादों के हल के लिए विशेष अदालतें गठित करने को कहा गया

राज्यों को बुनियादी परियोजना अनुबंधों के विवादों के हल के लिए विशेष अदालतें गठित करने को कहा गया

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर कानून मंत्रालय ने बुनियादी ढांचा परियोजना के अनुबंधों से जुड़े विवादों का हल करने के लिए दो साल पहले संशोधित किए गए एक कानून के तहत राज्यों से विशेष अदालतें गठित करने को कहा है।

मंत्रालय ने कहा है कि भारत और राज्यों की ‘कारोबार सुगमता’ रैंकिंग को बेहतर करने के लिए यह बहुत जरूरी है।

मंत्रालय ने इलाहाबाद, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों के उदाहरणों का हवाला देते हुए अन्य उच्च न्यायालयों को सुझाव दिया कि वे बुनियादी ढांचा परियोजना वाद का निस्तारण करने के लिए पहले से काम कर रही अदालतों को इसी कार्य के लिए विशेष अदालतों में तब्दील करने के लिए एक विशेष दिन आवंटित करें।

विशिष्ट राहत (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 20 बी नामित अदालतों का प्रावधान करती है। लेकिन कानून मंत्रालय चाहता है कि नामित अदालत विशेष दिनों पर एक समर्पित अदालत के रूप में काम करे।

कानून मंत्रालय में सचिव (न्याय) ने पिछले हफ्ते सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को इस सिलसिले में एक पत्र लिखा था। पत्र में यह जिक्र किया गया है कि कर्नाटक, इलाहाबाद और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों ने प्रत्येक सप्ताह कुछ दिन खासतौर पर बुनियादी ढांचा परियोजना के अनुबंधों पर विशेष राहत से जुड़े विषयों के निपटारे के लिए निर्धारित किए हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘समर्पित विशेष अदालतें गठित होने तक एक विकल्प के तौर पर आपके उच्च न्यायालयों में यह व्यवस्था अपनाने पर विचार किया जा सकता है। यह समय और लागत, दोनों ही परिप्रेक्ष्य से अनुबंध को लागू कराने में मददगार साबित हो सकती है। इस तरह इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और कारोबार के लिए सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनेगा। ’’

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर विशेष राहत (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत विशेष अदालतें गठित करने पर जोर दिया था।

संशोधित कानून की धारा 20 बी के मुताबिक राज्य सरकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श कर एक या एक से अधिक दीवानी अदालतों को विशेष नामित अदालतें निर्धारित करेगी, ताकि वह अपने क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले बुनियादी ढांचा परियोजना से जुड़े अनुबंधों के सिलसिले में विशेष राहत (संशोधन) अधिनियम के तहत वाद का निस्तारण कर सकें।

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Web Title: States were asked to set up special courts to resolve disputes in basic project contracts.

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