कुष्ठ-प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव करने वाले कानूनों को रद्द करें राज्य: एनएचआरसी
By भाषा | Updated: July 20, 2021 20:12 IST2021-07-20T20:12:14+5:302021-07-20T20:12:14+5:30

कुष्ठ-प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव करने वाले कानूनों को रद्द करें राज्य: एनएचआरसी
नयी दिल्ली, 20 जुलाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि राज्यों को उन कानूनों एवं इसके विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने की आवश्यकता है जोकि कुष्ठ-प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव करने वाले हैं। साथ ही कहा कि ऐसे कानूनों को उनके मानवाधिकारों का संरक्षण करने वाली नीतियों एवं रूपरेखा का ध्यान रखते हुए बदले जाने की जरूरत है।
अधिकारियों ने बताया कि मिश्रा कुष्ठ-प्रभावित लोगों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मिश्रा के हवाले से आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया, '' राज्यों को उन कानूनों एवं इसके विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने की आवश्यकता है जोकि कुष्ठ-प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव करने वाले हैं। इन कानूनों को ऐसी नीतियों का ध्यान रखते हुए बदले जाने की जरूरत है जोकि कुष्ठ प्रभावित लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण करने वाली हों।''
बयान के मुताबिक, चर्चा के दौरान दृढ़ता से यह महसूस किया गया कि कई अन्य समस्याओं के अलावा कोविड महामारी ने कुष्ठ प्रभावित लोगों की स्थिति को और खराब कर दिया। महामारी के कारण विशेष रूप से उनकी आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
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