स्वच्छ पानी का नागरिकों का अधिकार लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की : एनजीटी

By भाषा | Updated: July 23, 2021 15:34 IST2021-07-23T15:34:11+5:302021-07-23T15:34:11+5:30

State's responsibility to implement citizens' right to clean water: NGT | स्वच्छ पानी का नागरिकों का अधिकार लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की : एनजीटी

स्वच्छ पानी का नागरिकों का अधिकार लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की : एनजीटी

नयी दिल्ली, 23 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्वच्छ जल के नागरिकों के अधिकार को लागू करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाना राज्य की जिम्मेदारी बताते हुए एक समिति का गठन किया और उसे पंजाब के संगरूर जिले में एक गांव में भूजल की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय चंडीगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों, पंजाब के पर्यावरण विभाग सचिव द्वारा नामित अधिकारी और संगरूर के जिलाधिकारी को शामिल करते हुए एक समिति गठित की।

एनजीटी ने पाया कि यह समस्या 10 वर्ष से ज्यादा वक्त से है और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 15 साल पहले बंद हो चुका एक निजी कारखाना पानी के दूषित होने के लिए जिम्मेदार है।

पीठ ने कहा कि यह भी पता चला है कि इस अधिकरण ने उक्त कारखाने पर पर्यावरण को बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था लेकिन राशि वसूली नहीं जा सकी।

पीठ ने कहा, “अगर खबर सही है तो प्रदूषित जल के निवासियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता है। ऐसी स्थिति में, यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह स्वच्छ जल के नागरिकों के अधिकार को लागू करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए।”

एनजीटी ने समिति को दो महीने के भीतर ई-मेल के जरिए रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया और इससे दूषित पानी देने वाले नलकूपों की संख्या, ऐसे कुओं की गहराई, प्रदूषण की गति एवं फैलाव के संदर्भ में जलभर की स्थिति, उद्योग द्वारा निस्तारित अपशिष्ट को बहाने के संदर्भ में दूषित पानी के लक्षण निर्धारित करने का निर्देश दिया है।

पीठ ने अपने 20 जुलाई के आदेश में कहा, “यह कृषि विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कम समय या दीर्घाकिलक आधार पर सुधारात्मक योजना का सुझाव दे सकती है, योजना पर आने वाली लागत को देखते हुए। रिपोर्ट की एक प्रति तथ्यों पर आधारित सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव को भेजी जाए। समन्वय एवं अनुपालन के लिए सीपीसीबी और राज्य पीसीबी केंद्रीय एजेंसी होंगे। समिति की पहली बैठक दो हफ्ते के भीतर बुलाई जाए।

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