भोपाल की छात्रा की मौत के मामले में प्रदेश सरकार कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करे : उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: June 24, 2021 23:39 IST2021-06-24T23:39:25+5:302021-06-24T23:39:25+5:30

State government should submit action taken report in case of death of Bhopal student: High Court | भोपाल की छात्रा की मौत के मामले में प्रदेश सरकार कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करे : उच्च न्यायालय

भोपाल की छात्रा की मौत के मामले में प्रदेश सरकार कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करे : उच्च न्यायालय

जबलपुर, 24 जून मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को जनवरी 2019 में भोपाल में आठ वर्षीय एक छात्रा की रहस्यमयी स्थिति में मौत की जांच करने वाले पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की कार्रवाई रिपोर्ट जुलाई माह में मामले में अगली सुनवाई के दौरान पेश करने को कहा है।

याचिकाकर्ता के वकील हेमंत श्रीवास्तव ने कहा कि बालिका के माता-पिता द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकल पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।

अदालत ने कहा, ‘‘ प्रदेश अगली सुनवाई में अदालत को अवगत कराए कि एसआईटी के गठन और इसके अधिकारियों को बदलने के बाद क्या कार्रवाई की गई है।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग के पीछे आधार यह था कि पुलिस को अब तक इसमें कोई सफलता नहीं मिली तथा नाबालिग लड़की की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है।

वकील ने कहा कि भोपाल के एक निजी स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ने वाली नाबालिग बालिका को चार जनवरी 2019 को स्कूल बस ने बस स्टॉप पर उतार दिया। उसके बाद उसकी मां ने उसे अपने दो पहिया वाहन पर बिठा दिया लेकिन दो पहिया वाहन चलने से पहले ही लड़की अचानक नीचे गिर गई और बेहोश हो गई। बालिका को अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। श्रीवास्तव ने कहा कि लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि संदिग्ध जहर के कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल्योर की वजह से उसकी मौत हुई।

इस बीच, लड़की के माता-पिता ने उसकी मौत के बाद स्कूल परिसर से एकत्र किए गए अन्य सामान और स्कूल बैग का निरीक्षण किया और पाया कि बालिका ने मृत्यु के दिन स्कूल में एक असामान्य चित्र बनाया था। श्रीवास्तव ने बताया कि एम्स के मनोविज्ञान विभाग ने संकेत दिया है कि चित्र यौन शोषण की ओर इशारा करते हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कार्रवाई में देरी के बाद लड़की के माता-पिता ने उसकी ड्राइंग के साथ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में शिकायत की।

श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीपीसीआर ने लड़की द्वारा बनाए गए ड्राइंग को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के मनोविज्ञान विभाग को विश्लेषण और विशेषज्ञ की राय के लिए भेजा ताकि यह पता चल सके कि लड़की की अप्राकृतिक मौत में क्या कोई गड़बड़ी हुई थी।

माता-पिता ने अपनी याचिका में कहा कि दो साल होने के बाद भी राज्य पुलिस को अब तक स्कूल परिसर और स्कूल बस के सीसीटीवी फुटेज की संबंधित हार्ड डिस्क का पता नहीं चल पाया है।

श्रीवास्तव ने अपनी दलील में कहा कि भोपाल के पुलिस अधीक्षक ने पांच सितंबर 2019 को एनसीपीसीआर के समक्ष एक हलफनामा पेश किया। इसमें उन्होंने जांच में कई विसंगतियों और खामियों का जिक्र किया है।

याचिका की सुनवाई के बाद, न्यायाधीश ने मामले में एक प्रतिवादी राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान पेश करने का निर्देश दिया है।

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