जम्मूः राजधानी शहर श्रीनगर आज सुबह एक बार फिर गोलियों की आवाज से इसलिए थर्रा उठा था, क्योंकि सुरक्षाबलों ने कराची के रहने वाले एक लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर को ढेर कर दिया था। हालांकि अनंतनाग से लश्कर के एक अन्य कमाांडर को पकड़ लिया था।
श्रीनगर में हुई एक और मुठभेड़ से यह साबित होता था कि आतंकियों का टारगेट फिर से श्रीनगर ही बनता जा रहा है। रविवार सुबह पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाते हुए धारा हारवान क्षेत्र में एक संक्षिप्त मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा संगठन के शीर्ष कमांडर को मार गिराने में सफलता हासिल की है। आतंकी के कब्जे से हथियार भी बरामद हुए हैं।
कश्मीर के आईजी के विजय कुमार ने इस संबंध में बताया कि रविवार सुबह श्रीनगर शहर के सटे धारा हरवन क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। पुलिस ने केरिपुब के साथ क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एक जगह पर छिपे आतंकी ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने सबसे पहले आतंकी को आत्मसमर्पण करने के लिए चेतावनी दी। आतंकी ने इसे अनसुना कर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी को ढेर कर दिया गया। मारे गए आतंकी की पहचान पाकिस्तान के कराची शहर के रहने वाले सैफुल्लाह उर्फ अबू खालिद उर्फ खालिद भाई के रूप में हुई है। अबू खालिद हरवन-धारा क्षेत्र में वर्ष 2016 से सक्रिय था।
अबू कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है और लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर था। दूसरी ओर अनंतनाग पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के एक आतंकी कमांडर को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान फिरोज अहमद निवासी कुलगाम के रूप में हुई है। उसके कब्जे से हथियार भी बरामद हुए हैं।
फिरोज आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने से पहले इसी संगठन के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करता था। इस बीच आज की मुठभेड़ के बाद फिर से सुरक्षाबल इसलिए चिंतित हैं क्योंकि श्रीनगर लगातार आतंकियों के निशाने पर है। राजधानी शहर श्रीनगर में इस साल अभी तक 12 भीषण मुठभेड़ हो चुकी हैं।
इनमें 18 दुर्दांत आतंकी मारे जा चुके हैं। खबर यह नहीं है कि श्रीनगर में कितनी मुठभेड़ें हुईं और कितने आतंकी मरे, बल्कि खबर यही है कि प्रत्येक मुठभेड़ और आतंकी की मौत के बाद कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर को आतंकी मुक्त घोषित किया है। चिंता का विषय यह भी है कि वर्ष 2020 के मुकाबले श्रीनगर में इस साल नागरिकों की हत्याओं में जबरदस्त उछाल आया है तथा ग्रेनेड हमले भी दोगुने हो चुके हैं।
पुलिस इसे मानती है कि श्रीनगर आतंकियों के निशाने पर है। कारण स्पष्ट है। श्रीनगर में होने वाली किसी भी आतंकी वारदात, हमला, मौत के बाद आतंकी विश्व की सुर्खियों में स्थान पाने में हमेशा कायमाब होते हैं। और उनकी यही कोशिश होती है कि वे किसी तरह से सुर्खियों में रहे।
अगर पुलिस के ही आंकड़ों पर विश्वास करें तो इस साल आतंकियों ने श्रीनगर में 14 से अधिक ग्रेनेड हमले किए जो पिछले साल के मुकाबले दोगुने थे। हालांकि इस साल भी पिछले साल की ही तरह अभी तक श्रीनगर में 10 ही सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं पर पिछले साल 4 नागरिकों को आतंकियों ने मारा था तो इस साल अभी तक वे 14 से अधिक नागरिकों को मार चुके हैं।