बहुचर्चित सृजन घोटालाः कारोबारी प्रणव कुमार घोष को ईडी ने भेजा जेल, 1000 करोड़ का मामला

By एस पी सिन्हा | Updated: August 8, 2021 15:51 IST2021-08-08T15:47:28+5:302021-08-08T15:51:48+5:30

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पांच अगस्त को पीके घोष को पटना पूछताछ के लिए बुलाया था. गिरफ्तार कर लिया गया और आज बेउर जेल भेज दिया गया है.

srijan scam 1000 crores businessman Pranav Kumar Ghosh to jail ED arrested patna bihar | बहुचर्चित सृजन घोटालाः कारोबारी प्रणव कुमार घोष को ईडी ने भेजा जेल, 1000 करोड़ का मामला

सृजन घोटाले में हुई लूट के दौरान पीके घोष ने भी जबर्दस्त फायदा लिया.

Highlightsघोष पर सृजन घोटाले की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप लगा है.ईडी ने करीब दर्जन भर सबूत घोष के सामने रख कर उनकी बोलती बंद कर दी.14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था.

पटनाः बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भागलपुर के बडे़ कारोबारी प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में कार्रवाई की गई है. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है. 

 

बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पांच अगस्त को पीके घोष को पटना पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद शनिवार की देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आज बेउर जेल भेज दिया गया है. कारोबारी पीके घोष पर सृजन घोटाले की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप लगा है.

प्रणव घोष ऑडिटर और प्रशासनिक अफसरों के बीच ये तालमेल करवाते थे और सरकारी खजाने की राशि बैंकों से मिलीभगत करके ट्रांसफर भी कराने का काम करते थे. ऐसा कर इन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई. शहर में कई शॉपिंग काम्प्लेक्स खोलकर अपना व्यापार भी खड़ा कर लिया. बताया जा रहा है कि ईडी द्वारा पूर्व से ही गुप्त तरीके से उनकी संपत्ति की जांच की जा रही थी.

जांच में भागलपुर शहर में उनके व उनके नजदीकी रिश्तेदारों के पास बडे़ प्रतिष्ठान मिले हैं. 2020 में इडी ने 14 करोड़ रुपये से अधिक की सृजन की संपत्ति जब्त की थी. संस्था के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी ने पीके घोष के पुणे स्थित बंगला को पिछले साल ही जब्त किया था.

पीके घोष को तीन दिन पहले ईडी ने पूछताछ करने और गिरफ्तार नहीं करने की शर्त पर पटना बुलाया था. पटना में अर्जित संपत्ति के वैध श्रोत के बारे में पूछताछ की गई. घोष ने सृजन से पैसे लेकर पुणे के बंगला खरीदने की बात कही. लेकिन ईडी ने करीब दर्जन भर सबूत घोष के सामने रख कर उनकी बोलती बंद कर दी.

ईडी ने अपार्टमेंट बिजनेस और बाजार में संचालित कपडे के व्यापार में निवेश की भी जानकारी ली है. 2017 में सरकारी कोष में कथित अनियमितता कर करोडों के घोटाले का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने सृजन के खिलाफ जांच शुरू की थी.

जब्त संपत्ति में नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, रांची, भागलपुर और पटना में 20 फ्लैट, नोएडा, गाजियाबाद और भागलपुर में 19 दुकानें, बिहार में 33 प्लॉट या घर, वॉक्सवैगन की एक कार और 4.84 करोड रुपये बैंक बैलेंस जब्त किया था. धनशोधन निवारण कानून के तहत 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था.

वर्ष 2003-04 से 557 करोड रुपये सरकारी खातों से निकाल कर अवैध रूप से सृजन के बैंक खातों में डाल दिये गये. यहां उल्लेखनीय है कि सृजन घोटाला भागलपुर के साथ-साथ सहरसा और बांका में भी उजागर हुआ था. जांच में पाया गया था कि 2003-04 और 2007-08 में पीके घोष ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति में प्रोफेशनल टैक्स सलाहकार के रूप में काम किया.

उनके ऊपर आरोप है कि वे सृजन के कार्यालय में नियमित रूप से आते-जाते रहते थे और मनोरमा देवी का सहयोग किया करते थे. मनोरमा देवी के बेटी के बयान के हवाले से कहा गया कि वह उनके मुख्य सलाहकार रहे सृजन घोटाले में हुई लूट के दौरान पीके घोष ने भी जबर्दस्त फायदा लिया. पीके घोष मनोरमा देवी बैंक के अधिकारियों और सरकारी कर्मियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका में थे.

Web Title: srijan scam 1000 crores businessman Pranav Kumar Ghosh to jail ED arrested patna bihar

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