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राजस्थान पुलिस का सीमावर्ती जिले गंगानगर में विशेष "ऑपरेशन निगहबानी" अभियान

By भाषा | Updated: December 25, 2021 00:49 IST

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जयपुर 24 दिसंबर राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने पाकिस्तान की सीमा से लगे गंगानगर जिले के स्थानीय लोगों को सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के जरिये जासूसी करने के लिये पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जागरूक करने के लिये एक विशेष अभियान चलाया है।

पिछले दो दिनों में आईएसआई और पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के संपर्क में आने वाले 25 लोगों की भी पहचान की गई और उन्हें विस्तृत पूछताछ के लिये सूरतगढ़ और गंगानगर में पूछताछ केन्द्रों पर बुलाया गया।

राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान इनमें से कुछ लोगों के पीआईओ के संपर्क में होने के बारे में महत्वपूर्ण सूचना मिली है, जिसके बाद उनके मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए ले जाया गया है।

पुलिस महानिदेशक (खुफिया) उमेश मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया और उपकरणों की जांच और तकनीकी जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जायेगी।

मिश्रा ने कहा कि ‘‘अभियान का मूल उद्देश्य लोगों को उन प्रयासों के बारे में जागरूक करना है जो पड़ोसी देश द्वारा जासूसी के लिये किए जाते हैं और उन लोगों की पहचान करना है जो आईएसआई और पीआईओ के संपर्क में है। आमतौर पर लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उनके जाल में फंस जाते है, यह जाने बिना कि इसके क्या परिणाम हो सकते है और हमारा उद्देश्य लोगों को इसके बारे में सूचित करना है।’’

उन्होंने बताया, "ऑपरेशन निगहबानी" तीन चरणों में शुरू किया गया था जिसमें जयपुर और गंगानगर के खुफिया अधिकारी शामिल थे।

अभियान गंगानगर जिले के संवेदनशील स्थानों और संस्थानों के आस-पास तीन चरणों में शुरू किया गया था। पहले चरण में राज्य की विशेष शाखा सीआईडी जोन श्रीगंगानगर के लगभग 50 अधिकारियों ने सूरतगढ़, लालगढ़ और साधुवाली छावनी क्षेत्र के आसपास रहने वाले ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जो किसी भी तरह से पीआईओ के संपर्क में हैं या आ सकते है।

उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में तकनीकी और अन्य माध्यमों से ऐसे पहचाने गए व्यक्तियों की निगरानी करके डेटा एकत्र किया गया था और तीसरे चरण में 25 ऐसे पहचाने गए व्यक्तियों को विस्तृत पूछताछ के लिये सूरतगढ़ ओर गंगानगर में पूछताछ केन्द्रो पर बुलाया गया था।

मिश्रा ने कहा कि आईएसआई के गुर्गे छावनी क्षेत्र के पास रहने वाले स्थानीय लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि के जरिये छद्म नाम से आईडी बनाकर संपर्क करते है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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