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सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू, दोनों के बीच सांठगांठ: मायावती

By भाषा | Updated: November 9, 2021 18:57 IST

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लखनऊ, नौ नवम्बर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बाद पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने और पांचवीं बार राज्य की मुख्यमंत्री बनने का दावा करते हुये राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच सांठगांठ का मंगलवार को आरोप लगाया। मायावती ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और सपा, दोनों दलों की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है।

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के आगामी विधानसभा चुनाव चुनाव लड़ने की बात पर जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह चुनाव लडेंगी? इस पर मायावती ने यह कहकर सवाल टाल दिया, ‘‘योगी जी क्या कर रहे हैं? और अखिलेश क्या कर रहे हैं? मेरी तुलना आप उनसे कर रहे हैं?’’

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और सर्वसमाज की दिली इच्छा है कि वह पांचवीं बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनें। इस सवाल पर कि आगामी चुनाव में सपा या भाजपा में से वह किससे अपना मुकाबला मान रही हैं, उन्होंने कहा, ‘‘सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार बहुजन समाज पार्टी को 2007 की तरह पूर्ण बहुमत से सत्ता मिलेंगी।’’ मायावती ने इशारा किया कि इस बार बसपा युवाओं को ज्यादा टिकट देगी।

गौरतलब हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ समय पहले कहा था कि पार्टी संसदीय दल जहां से कहेगा वह चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इसी तरह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि पार्टी अगर चुनाव लड़ने को कहती है तो वह विचार करेंगे।

मायावती ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार की जन विरोधी नीतियों घोर विफलताओं पर पर्दा डालने और ध्यान बंटाने के लिए सपा से अंदरूनी मिलीभगत और सांठगांठ करके जिन्ना एवं अयोध्या पुलिस गोलीबारी जैसे अनेक नए-नए गढ़े हुए सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का प्रयास कर रही है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि विधानसभा चुनाव हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर केंद्रित हो जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों पार्टियों का अंदर-अंदर प्रयास चल रहा है जो स्वाभाविक तौर पर सपा और भाजपा की स्वार्थ की राजनीति को पुनः उजागर करता है। हालांकि जनता अब इनसे काफी सर्तक भी है।’’उन्होंने कहा कि बसपा को पूरी उम्मीद है कि अब प्रदेश की जनता इनके इस प्रकार के किसी भी षड्यंत्र का शिकार होने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बात भी सर्वविदित है कि सपा व भाजपा की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी एवं सांप्रदायिक होने के कारण इनका अस्तित्व एक दूसरे पर ही आधारित रहा है। इसी कारण जब सपा सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है और जब बसपा सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और अन्य बसपा विरोधी पार्टियों का प्रदेश की जनता को हर प्रकार से लुभाने और बरगलाने का जबरदस्त नाटक शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले डेढ़-दो महीनों में अनगिनत घोषणाएं और शिलान्यास तथा आधे-अधूरे कार्यो का उद्घाटन और लोकार्पण किया है। उन्होंने कहा कि यह इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को दर्शाता है।

मायावती ने कहा कि बसपा को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियों ने चुनाव की घोषणा होने से बहुत पहले प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए घोषणाएं और वादे कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि ये भी उनके लिए अनेक सवाल खड़े करता है।

मायावती ने कहा कि सपा की तरह कांग्रेस ने भी प्रदेश की जनता को तरह-तरह के प्रलोभन और चुनावी वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने लंबे शासनकाल में अपने 50 प्रतिशत भी चुनावी वादे पूरे कर दिए होते तो आज यह पार्टी केंद्र और उत्तर प्रदेश समेत देश के अधिकांश राज्यों की सत्ता से बाहर नहीं होती।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सपा आगामी विधानसभा चुनाव में 400 और भाजपा 300 सीटें जीतने का दावा कर रही है। यह बचकाना और हवा हवाई है। इस लिहाज से देखें तो चुनाव आयोग को विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर लगभग 1000 ही कर देनी चाहिए।’’

आगामी चुनाव में किसी राजनीतिक दल से गठबंधन के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैने एक बार नहीं कई बार कहा है कि बसपा किसी भी पार्टी के साथ किसी भी तरह का चुनावी समझौता नहीं करेगी और अकेले अपने बल बूते पर चुनाव लड़ेगी।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को चालीस प्रतिशत टिकट दिये जाने के बयान को लेकर सवाल पर मायावती ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को जिन राज्यों में उनकी सरकारे हैं या जब कांग्रेस पार्टी केंद्र की सत्ता में थी तो सबसे पहले इसको लेकर कानून बनाना चाहिये था। अब यह चालीस प्रतिशत की बात कर रही है, जब यह सरकार में थी तो 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने का कानून नहीं बना पाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ही नहीं इस प्रकार का कानून भारतीय जनता पार्टी भी नहीं बना पायी। अब जो यह (कांग्रेस) कह रही है कि 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी, हम इसके खिलाफ नहीं हैं। लोग तो यह भी कर रहें हैं कि कांग्रेस ऐसा इसलिये कर रही है क्योंकि उसकी हालत बहुत खराब है। जिन राज्यों में इनकी सरकारें हैं, वहां यह घोषणा क्यों नहीं कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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