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सपा ने हमेशा बाधित किया संवाद, चुनाव परिणाम ने 2022 में भाजपा की पुन:विजय का संकेत दिया : योगी आदित्यनाथ

By भाषा | Updated: October 18, 2021 21:43 IST

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लखनऊ, 18 अक्टूबर विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने हमेशा संवाद को बाधित करने का काम किया है लेकिन हम संवाद को हमेशा बनाए रखेंगे।

सोमवार को एक दिवसीय सत्र में संपन्न हुए विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा समर्थित नितिन अग्रवाल की भारी बहुमत से जीत को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की पुन:विजय का संकेत बताते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''मुझे लगता है कि 2022 विधानसभा चुनाव की तस्‍वीर सामने आ गई है। यह परिणाम 2022 में भाजपा की पुन:विजय का स्‍पष्‍ट संकेत हैं।'' उन्होंने कहा, ''आरोप-प्रत्‍यारोप लोकतंत्र की शोभा है लेकिन संवाद बाधित नहीं होना चाहिए।''

मुख्यमंत्री ने विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन में सपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ''साढ़े चार साल से हम इस बात का इंतजार कर रहे थे कि मुख्य विपक्षी दल किसी युवा चेहरे को आगे करके उपाध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से लाने का प्रयास करेगा, लेकिन कोई सकारात्मक रवैया नहीं होने के कारण तय हुआ कि हम लोग ही किसी युवा चेहरे को दायित्‍व सौंप दें।''

उन्होंने नितिन अग्रवाल को बधाई देते हुए कहा कि युवा के साथ-साथ अनुभवी सदस्य को उपाध्‍यक्ष पद पर चुना गया है, उन्हें हृदय से बधाई।

निर्वाचन में संसदीय परंपराओं के उल्लंघन और बेईमानी के विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा, ''चुनाव में जब जनता अपना फैसला सुनाती है तो ये लोग ईवीएम को दोषी ठहराते हैं और अब जब परिणाम इनके अनुकूल नहीं आया तो कहने लगे कि धांधली हुई है, इस चुनाव में अगर ईवीएम से मतदान होता तो पता नहीं क्या कहते।''

उन्होंने कहा, ''नितिन अग्रवाल सपा के ही सदस्य हैं, लेकिन सपा युवा विरोधी है और कुछ लोगों के लिए परिवार ही पार्टी है, इसलिए स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन हमारे लिए प्रदेश ही परिवार है।'' उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि सपा अपने परिवारवादी मंसूबे से ऊपर उठकर व्यापक परिवेश में सोचने का कार्य करेगी अन्यथा (2022 में) जो फैसला होने वाला है वह इस चुनाव में साफ हो गया है।''

नेता सदन ने कहा, ''अगर नरेंद्र सिंह वर्मा (सपा उम्मीदवार) का नाम चार साल पहले लिया होता तो जो धोखा (पराजय) उनके (नरेंद्र सिंह वर्मा) साथ हुआ है, उसकी नौबत नहीं आती। योगी ने नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा आप विफल रहे, अपने सदस्य को ही धोखा दिए और परिणाम जानते हुए भी उनका समय बर्बाद किया।’’

नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सत्तारूढ़ दल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्‍तर प्रदेश का संसदीय इतिहास लिखा जाएगा तो आज का दिन सबसे काला होगा। मुख्यमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि साढ़े चार वर्ष में न तो लिखित और न ही मौखिक किसी भी तरह उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई संवाद नहीं किया गया।

चौधरी ने कहा कि यह संसदीय परंपराओं का घनघोर अपमान है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर परंपराओं को तोड़ने का आरोप लगाते हुए यह भी दावा किया कि जब भी कोई उपाध्यक्ष निर्वाचित होता है तो उसे सदन की पीठ (अध्यक्ष की कुर्सी) पर आसीन कराकर बधाई दी जाती है लेकिन, नितिन अग्रवाल को नेता विरोधी दल के बगल में उपाध्यक्ष के बने आसन पर ही बिठाकर बधाई दी गई। उन्होंने निर्वाचित उपाध्यक्ष को बधाई देने के साथ यह भी कहा कि ये 'लोला' (भोला भाला) हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में सपा के नरेंद्र सिंह वर्मा और सपा के विद्रोही नितिन अग्रवाल चुनाव मैदान में थे। भाजपा के समर्थन से किस्मत आजमा रहे अग्रवाल को 304 और सपा के नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 मत मिले। अग्रवाल के तीन मत और वर्मा के एक मत अवैध घोषित हुए। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में इस समय कुल 396 सदस्‍यों को मत देना था जिसमें कुल 368 मत पड़े थे।

राम गोविंद चौधरी ने इन मतों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''सदन में हमारी संख्या 49 है जिसमें तकनीकी तौर पर 46 (शिवपाल सिंह यादव, हरिओम यादव और नितिन अग्रवाल दूसरे खेमे में) ही हैं लेकिन हमें 60 मत मिले हैं और यह हमारी संख्या से ज्यादा है और यह हमारी जीत है।''

चौधरी ने योगी को जवाब देते हुए कहा कि यह बढ़ी हुई वोटों की संख्या इस बात का संकेत है कि 2022 में हमारी (सपा) संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री संत हैं और गोरक्षपीठ के महंत हैं लेकिन सत्य से इनका कोई लगाव नहीं है। चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने एक पिछड़े (कुर्मी बिरादरी के नरेंद्र सिंह वर्मा) को सदन में उपाध्‍यक्ष नहीं बनने दिया।

निर्वाचित उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने कहा कि यह प्रदेश जातिवाद के आधार पर नहीं, राष्ट्रवाद के आधार पर चलेगा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद को जातिवाद के आधार पर नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि प्रदेश की जनता ने जातिवाद की राजनीति करने वालों को हटाकर पहले ही संदेश दे दिया है।

इसके पहले पराजित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में नेता सदन (योगी आदित्यनाथ), विधानसभा अध्यक्ष (हृदय नारायण दीक्षित) और उप सभापति (नितिन अग्रवाल) तथा विधान परिषद में सभापति (मानवेंद्र सिंह) कोई भी दलित या पिछड़े वर्ग का नहीं है और अगर पिछड़े वर्ग के एक व्यक्ति को उपाध्यक्ष पद पर मौका मिलता तो यह एक गुलदस्ता का काम करता और सबका साथ-सबका विकास का नारा चरितार्थ होता।

विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के चुनाव में धांधली के आरोपों को खारिज करते हुए निर्वाचित उपाध्यक्ष को बधाई दी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने भी दावा किया कि हमने सदन की परंपरा को स्थापित किया है और विपक्षी दल के सदस्य को उपाध्‍यक्ष बनाया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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