दक्षिण पश्चिमी मानसून केरल पहुंच गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इसकी पुष्टि की है। एक ट्वीट के जरिये मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि केरल के दक्षिणी हिस्सों में मानसून छा गया है। विभाग के महानिदेशक एम. मोहापात्रा ने कहा कि देश के लिए दक्षिणी पश्चिमी मानसून की परिस्थितियां अनुकूल हैं।
भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों के लिए मौसम विभाग से आई यह खबर किसी राहत से कम नहीं है। केरल में पिछले तीन दिनों से प्री मानसून बारिश हो रही थी। राज्य में तेज हवाओं के साथ बारिश लगातार जारी है। उपग्रह से ली गई तस्वीरों से केरल तट और उससे सटे दक्षिण पूर्वी अरब सागर में बादल छाए हुए हैं। वहीं अरब सागर के निचले इलाकों में पछुआ हवाएं चल रही हैं।
देरी से पहुंचा है मानसून
इस बार मानसून देरी से पहुंचा है। आमतौर पर केरल में एक जून को मानसून पहुंचता है। इससे पहले आईएमडी की ओर से 31 मई को मानसून के तय समय से पहले केरल पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि बाद में कहा था कि अभी परिस्थितियां अनुकूल नहीं बनी हैं।
सामान्य रहेगा मानसून
आईएमडी ने देश में मानसून 101 फीसद रहने का अनुमान लगाया है और कहा है कि इस बार देश में मानसून सामान्य रहेगा। पिछले दो साल में औसत से अधिक बारिश हुई है। 2020 में मानसून 110 फीसद और 2019 में 109 फीसद रहा था।
70 फीसद बारिश मानसून में
मानसून का पहुंचना किसानों के लिए खुशियां लेकर आया है। हालांकि मानसून कई कारणों पर निर्भर करता है, जिसमें हवा की गति, वर्षा की निरंतरता जैसे अनेक कारणों पर की जाती है। भारत की करीब 70 फीसद बारिश मानसून के चार महीनों में होती है।