'सोनिया गांधी का नागरिकता मिलने से पहले ही भारत की वोटर लिस्ट में चढ़ गया था नाम', अमित मालवीय ने लगाया आरोप, सबूत भी दिया

By रुस्तम राणा | Updated: August 13, 2025 14:55 IST2025-08-13T14:55:01+5:302025-08-13T14:55:01+5:30

अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया, "भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और एसआईआर का विरोध करते हैं।"

'Sonia Gandhi's name was included in the voter list of India even before she got citizenship', Amit Malviya made the allegation with proof | 'सोनिया गांधी का नागरिकता मिलने से पहले ही भारत की वोटर लिस्ट में चढ़ गया था नाम', अमित मालवीय ने लगाया आरोप, सबूत भी दिया

'सोनिया गांधी का नागरिकता मिलने से पहले ही भारत की वोटर लिस्ट में चढ़ गया था नाम', अमित मालवीय ने लगाया आरोप, सबूत भी दिया

नई दिल्ली: भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले ही भारत में मतदाता के रूप में पंजीकृत थीं।

उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं की आलोचना और बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करने के बाद आई है।

मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया, "भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और एसआईआर का विरोध करते हैं।"

मालवीय के अनुसार, सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में आया था - भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से तीन साल पहले, जब उनके पास अभी भी इतालवी नागरिकता थी। उस समय, गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड पर रहता था, जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक निवास था। उस समय तक, उस पते पर पंजीकृत मतदाता इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे।

उन्होंने बताया कि नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को अर्हता तिथि मानकर संशोधन किया गया था। इस संशोधन के दौरान, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र संख्या 145 के क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया था।

मालवीय ने आरोप लगाया, ‘‘यह प्रविष्टि कानून का स्पष्ट उल्लंघन है, जो मतदाता पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिकता को अनिवार्य बनाता है।’’ 1982 में भारी विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में यह फिर से दिखाई दिया।

मालवीय ने बताया कि उस वर्ष हुए नए संशोधन में, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 के क्रम संख्या 236 पर दर्ज था, और योग्यता तिथि 1 जनवरी, 1983 थी - जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल, 1983 को ही मिली थी।

उन्होंने कहा, "दूसरे शब्दों में, सोनिया गांधी का नाम बुनियादी नागरिकता की ज़रूरत पूरी किए बिना दो बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ - पहली बार 1980 में एक इतालवी नागरिक के रूप में, और फिर 1983 में, कानूनी तौर पर भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले।"

मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि राजीव गांधी से शादी करने के 15 साल बाद उन्हें भारतीय नागरिकता स्वीकार करने में क्या लगा। उन्होंने 1980 की मतदाता सूची का एक अंश अपने पोस्ट के साथ संलग्न करते हुए पूछा, "अगर यह घोर चुनावी कदाचार नहीं है, तो और क्या है?"
 

Web Title: 'Sonia Gandhi's name was included in the voter list of India even before she got citizenship', Amit Malviya made the allegation with proof

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