राजद्रोह के आरोपी ससुर को एम्स में भर्ती कराने के लिए दामाद ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र

By भाषा | Updated: September 26, 2021 16:10 IST2021-09-26T16:10:35+5:302021-09-26T16:10:35+5:30

Son-in-law wrote a letter to the District Magistrate to get the father-in-law accused of sedition admitted to AIIMS | राजद्रोह के आरोपी ससुर को एम्स में भर्ती कराने के लिए दामाद ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र

राजद्रोह के आरोपी ससुर को एम्स में भर्ती कराने के लिए दामाद ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र

मथुरा, 26 सितंबर राजद्रोह, दो सम्प्रदायों में वैमनस्य फैलाकर दंगा कराने के प्रयास जैसे संगीन आरोपों में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला कारागार में बंद पीएफआई/सीएफआई के सदस्य अतीकुर्रहमान के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर उनके दामाद ने यहां के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपने ससुर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में भर्ती कराने की मांग की है।

अतीकुर्रहमान एवं उनके तीन साथियों को पिछले साल हाथरस जाते समय एक्सप्रेस-वे के मांट टोल प्लाजा पर उस समय गिरफ्तार किया था जब वे हाथरस की एक दलित किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की घटना के बाद उसके परिवार से मिलने जा रहे थे।

उनके वकील मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘अतीकुर्रहमान दिल एवं श्वसन तंत्र की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। लखनऊ में धन शोधन कानून संबंधी विशेष अदालत में 22 सितम्बर को पेशी के दौरान भी वह गंभीर रूप से बीमार हो गए थे जिसके अगले ही दिन उनके दामाद ने मथुरा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की।’’

उन्होंने बताया, ‘‘अतीक को वहां से वापस लाते समय पहले आगरा के खंदारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अथवा लखनऊ के संजय गांधी परास्नातक संस्थान (एसजीपीजीआई) में तुरंत भर्ती कराने की सलाह दी।’’

चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की सलाह के बावजूद उन्हें मथुरा जिला कारागार के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उन्होंने बताया कि पत्र में कहा गया है कि अब तक मामले में बहस शुरू नहीं हुई है और न ही उनके बेकसूर होने पर कोई आपत्ति उठी है, इसलिए उन्हें एम्स, पीजीआई अथवा किसी अन्य बेहतर अस्पताल में भर्ती कराने पर अभियोजन पक्ष को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराया जाए, नहीं तो उनके जीवन को खतरा हो सकता है।

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Web Title: Son-in-law wrote a letter to the District Magistrate to get the father-in-law accused of sedition admitted to AIIMS

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