लाइव न्यूज़ :

मथुरा में ईदगाह हटाए जाने के खिलाफ सामाजिक संगठन, तीर्थ पुरोहितों ने याचिका दायर की

By भाषा | Updated: November 12, 2020 00:23 IST

Open in App

मथुरा, 11 नवंबर उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में 17वीं शताब्दी में बनी शाही ईदगाह को हटाने से संबंधित मामले में पक्षकार बनने के लिए तीर्थ पुरोहितों एवं एक सामाजिक संगठन द्वारा बुधवार को मथुरा की जिला अदालत में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया कि ईदगाह हटाने संबंधी वाद को अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि इससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।

याचिकाओं में कहा गया है क्योंकि इस मामले से वह लोग सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं, इसलिए इसकी सुनवाई के दौरान उनकी बात भी अवश्य सुनी जाए।

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से दाखिल याचिका में उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक एवं उपाध्यक्ष नवीन नागर पक्षकार हैं, तो श्री माथुर चतुर्वेद परिषद द्वारा दाखिल की गई याचिका में उसके महामंत्री एवं वकील राकेश तिवारी एवं संजीव चतुर्वेदी याचिकाकर्ता हैं।

तीर्थ पुरोहित महासभा ने कई कारण बताते हुए कहा है कि यदि इस अपील को अस्वीकार कर मूल वाद को सुनवाई हेतु अंगीकार किया गया तो इस अपील पर निर्णय से प्रार्थीगण प्रभावित होंगे।

इसी प्रकार माथुर चतुर्वेद परिषद की ओर से कहा गया है कि चूंकि उक्त वाद दो पक्षों के बीच एक संवेदनशील मसला है इसलिए अगर इस मसले पर किसी भी वजह से दो सम्प्रदायों के बीच सद्भाव बिगड़ता है तो न केवल परिषद के सदस्यों सहित मथुरा के लोगों का जीवन व जीविका प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी, बल्कि मथुरा तीर्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को भी जान-माल की क्षति उठानी पड़ सकती है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व सितंबर माह में लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री सहित आधा दर्जन कृष्ण भक्तों ने मथुरा की अदालत में भगवान श्रीकृष्ण की ओर से याचिका दाखिल कर मांग की थी कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के मध्य 1968 में किया गया समझौता पूरी तरह से अविधिपूर्ण है इसलिए उसे निरस्त कर ईदगाह की भूमि श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को वापस कर दी जाए। उन्होंने इस मामले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह प्रबंधन समिति, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया है।

याचिकाओं के पैरवीकर्ताओं का यह भी कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा 18 सितम्बर 1991 को लागू किए गए उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के अनुसार 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी स्मारक को धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाई गई है, के प्रावधानों में बाधित है तथा दायर ही नहीं किया जा सकता है। ये वाद इन्हीं आधारों पर इसी स्तर पर निरस्त होने योग्य है।

इस मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से मूलवाद खारिज हो गया था, ऐसे में 12 अक्टूबर को वादी की ओर से जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील दायर की गई थी। जिला न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले में 18 नवंबर को प्रतिवादी अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतBMC Elections 2026: उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 2026 के नगर निगम चुनावों के लिए करेंगे संयुक्त रैलियां? संजय राउत ने दी बड़ी अपडेट

भारतBMC Elections 2026: नवाब मलिक के नेतृत्व विवाद को लेकर बीजेपी के गठबंधन से इनकार के बीच एनसीपी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

क्रिकेटIND vs SA, 4th T20I: लखनऊ में अत्यधिक कोहरे के कारण भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा T20I मैच हुआ रद्द

भारतUP: दो साल में भी योगी सरकार नहीं खोज पायी नया लोकायुक्त, जनवरी 2024 में खत्म हो गया था वर्तमान लोकायुक्त का कार्यकाल

भारतLokmat Parliamentary Awards 2025: डॉ. विजय दर्डा ने कहा- लोकमत लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है

भारत अधिक खबरें

भारतLokmat Parliamentary Awards 2025 : आरपीआई प्रमुख रामदास आठवले ने कहा- मैं जिनके साथ रहता हूं उन्हें सत्ता मिलती है

भारतLokmat National Conclave 2025: 'विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के अधिकार, न्याय को सुनिश्चित करना है', पूर्व सीजेआई बीआर गवई बोले

भारतLokmat Parliamentary Award 2025: 4 राज्यसभा सांसदों को मिला लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड 2025, सुधा मूर्ति, डोला सेन, संजय सिंह और दिग्विजय सिंह

भारतInsurance: संसद में 'सबका बीमा सबकी रक्षा' विधेयक पारित, जानिए क्या है ये बीमा और कैसे मिलेगा लाभ

भारतLokmat Parliamentary Award 2025: 4 लोकसभा सांसदों को मिला लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड 2025, इकरा चौधरी, संगीता सिंह, जगदंबिका पाल और टी.आर. बालू