कृषि मंत्रालय ने कहा- अभी तक खरीफ धान बुवाई का रकबा 37.70 फीसदी अधिक, 34.73 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा

By भाषा | Updated: April 25, 2020 17:04 IST2020-04-25T17:04:17+5:302020-04-25T17:04:17+5:30

कृषि मंत्रालय ने तिलहनों को प्राथमिकता देने तथा बेहतर किस्म के सोयाबीन, मूंगफली तिल और सूरजमुखी के बीजों को बढ़ावा देने को कहा है। कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से खेती की गतिविधियों को छूट दी गई है। खरीफ की फसल बोते समय किसानों को सुरक्षा सावधानी बरतने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है।

So far, area under kharif paddy is 37.70 percent higher: Ministry of Agriculture | कृषि मंत्रालय ने कहा- अभी तक खरीफ धान बुवाई का रकबा 37.70 फीसदी अधिक, 34.73 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा

कृषि मंत्रालय ने राज्यों को धान की खेती पौध तैयार कर उसकी रोपाई करने के बजाय सीधे बीज छींट कर करने की सलाह दी है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsकृषि मंत्रालय ने राज्यों को धान की खेती पौध तैयार कर उसकी रोपाई करने के बजाय सीधे बीज छींट कर करने की सलाह दी है।मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल खरीफ सत्र में दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 5.07 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले 3.82 लाख हेक्टेयर था।मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। 

नई दिल्ली: फसल वर्ष 2020-21 में इस सयम खरीफ के धान की बुवाई का रकबा पिछले साल इसी इसी अवधि से 37.70 प्रतिशत ऊपर है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक धान का रकबा 34.73 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। किसानों ने पिछले साल अब तक 25.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान बोया था। मक्का, बाजरा, मूंग, काला चना, मूंगफली और तिल ऐसे खरीफ फसल हैं जो बरसात के पानी पर काफी निर्भर करते हैं। मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। 

कृषि मंत्रालय ने राज्यों को धान की खेती पौध तैयार कर उसकी रोपाई करने के बजाय सीधे बीज छींट कर करने की सलाह दी है। कम श्रमबल की आवश्यकता होती है और रोपाई की जाने वाली फसलों की तुलना में इसमें धान जल्दी पकता है। मौजूदा समय में, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 8 प्रतिशत किसान इस पद्धति का उपयोग करते हैं। फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में 10.26 लाख टन चावल उत्पादन का लक्ष्य है। 

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल खरीफ सत्र में दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 5.07 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले 3.82 लाख हेक्टेयर था। मंत्रालय ने राज्यों को तिलहन, गन्ना, मक्का और कपास के साथ साथ खेत में दलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देने की सलाह दी है। इसी तरह, मोटे अनाजों का रकबा 5.47 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.55 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहन की बुआई 6.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.73 लाख हेक्टेयर हो गई है। 

मंत्रालय ने तिलहनों को प्राथमिकता देने तथा बेहतर किस्म के सोयाबीन, मूंगफली तिल और सूरजमुखी के बीजों को बढ़ावा देने को कहा है। कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से खेती की गतिविधियों को छूट दी गई है। खरीफ की फसल बोते समय किसानों को सुरक्षा सावधानी बरतने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है। सरकार ने फसल वर्ष 2020-21 के खरीफ सत्र के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 14 करोड़ 99.2 लाख टन निर्धारित कर रखा है।

Web Title: So far, area under kharif paddy is 37.70 percent higher: Ministry of Agriculture

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