हालात गंभीर, संविधान व लोकतंत्र खतरे में: गहलोत

By भाषा | Updated: November 16, 2021 15:32 IST2021-11-16T15:32:04+5:302021-11-16T15:32:04+5:30

Situation grim, Constitution and democracy in danger: Gehlot | हालात गंभीर, संविधान व लोकतंत्र खतरे में: गहलोत

हालात गंभीर, संविधान व लोकतंत्र खतरे में: गहलोत

जयपुर, 16 नवंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को एक बार फिर कहा कि देश में संविधान व लोकतंत्र खतरे में है और हालात गंभीर हैं। इस बारे में देश के हर व्यक्ति को सोचना होगा।

गहलोत ने पिछले साल अपनी सरकार की स्थिरता को लेकर उपजे संकट की ओर इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक लंबे समय तक होटलों में रहे और जनता के आशीर्वाद से ही मौजूदा सरकार कायम है।

केंद्रीय गृह मंत्री पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘गृहमंत्री कुछ नहीं कर पाये.. उन्हें बहुत घमंड था.. उनको मध्यप्रदेश का घमंड था, लेकिन प्रदेशवासियों ने उनके घमंड को चकनाचूर कर दिया। क्या यह कोई तरीका है लोकतंत्र में? सरकारें गिराओ.. देश किस दिशा में जा रहा है किसी को नहीं मालूम.. आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। हालात बड़े गंभीर हैं... हर व्यक्ति को, देशवासियों को सोचना पड़ेगा।’’

वे बिड़ला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार थी तो उसने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें ज्यादा होने के बावजूद कीमतें नहीं बढ़ने दी थी और कीमतों पर नियंत्रण रखा। वहीं मौजूदा राजग सरकार के शासन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 रुपये प्रति बैरल तक टूट गई.. तब भी पेट्रोल-डीजल कीमतें तेजी से बढी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल में 5 रुपये और 10 रुपये घटाये तो राज्य सरकार का राजस्व अपने आप ही उसी अनुपात में 1800 करोड़ रुपये कम हो गया। अब हमने केन्द्र सरकार से मांग की है कि अगर महंगाई कम करनी है तो आप 10 रुपये 15 रुपये की कटौती करो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में अब तक करीब एक लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं और आगे करीब 80 हजार नौकरियां देने की प्रक्रिया चल रही है… पूरी तरह सरकार आपके (जनता के) साथ खड़ी है।

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Web Title: Situation grim, Constitution and democracy in danger: Gehlot

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