सिरसा : राजद्रोह के तहत मामले दर्ज किये जाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसान

By भाषा | Updated: July 17, 2021 23:00 IST2021-07-17T23:00:20+5:302021-07-17T23:00:20+5:30

Sirsa: Farmers sitting on indefinite dharna against registration of cases under sedition | सिरसा : राजद्रोह के तहत मामले दर्ज किये जाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसान

सिरसा : राजद्रोह के तहत मामले दर्ज किये जाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसान

सिरसा, 17 जुलाई हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष की कार पर कथित हमले के बाद अपने समुदाय के सदस्यों के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाने पर किसान यहां मिनी सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।

यह घटना रविवार को हुई थी और पुलिस ने 100 से अधिक लोगों के खिलाफ राजद्रोह, लोक सेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने, एक निर्वाचित प्रतिनिधि पर जानलेवा हमले का प्रयास और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।

भाजपा नेता व हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कार पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में बृहस्पतिवार को 100 से अधिक किसानों में से पांच किसानों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने कहा कि शनिवार को मिनी सचिवालय की ओर मार्च करते हुए किसानों ने जिले के विभिन्न स्थानों पर पुलिस के साथ हाथापाई की।

पुलिस ने कहा कि किसानों को कानून-व्यवस्था में बाधा पहुंचाने से रोकने के लिए पूरे सिरसा को छावनी में तब्दील कर दिया गया और भारी मात्रा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई।

राजद्रोह के आरोप का विरोध करते हुए किसान, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले और बीकेयू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में मिनी सचिवालय में जमा हो गए।

इससे पहले यहां शहीद भगत सिंह स्टेडियम में किसानों ने महापंचायत की। टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि राजद्रोह का मामला दर्ज करने को लेकर किसानों और जिला प्रशासन के बीच बातचीत किसी तार्किक नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।

उन्होंने कहा कि किसानों ने राजद्रोह के आरोप और गिरफ्तारी के खिलाफ मिनी सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर दो घंटे से अधिक समय तक अधिकारियों से मुलाकात की। एक ओर जिला प्रशासन ने कहा कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ अदालत द्वारा कार्रवाई की जाएगी तो दूसरी ओर प्रतिनिधिमंडल ने राजद्रोह के आरोप को वापस लेने की मांग की।

टिकैत ने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा, ''किसानों के खिलाफ झूठे और मनगढंत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।''

उन्होंने हरियाणा सरकार पर केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को बाधित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

सिविल लाइंस थाने के प्रभारी राम निवास ने बताया कि गंगवा की गाड़ी पर हमला करने के आरोप में उनके नेता प्रह्लाद सिंह भरू खेड़ा और हरचरण सिंह समेत कई अन्य के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य किसानों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं, जिनकी पहचान 11 जुलाई की घटना के सीसीटीवी फुटेज से की जा रही है।

इस बीच, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, ''देश का कानून सर्वोच्च है और वह कानून किसी की सलाह पर काम नहीं करता, चाहे वह मेरे जैसा राजनेता हो।''

उन्होंने कहा कि कानून अपनी गति से और अपने तरीके से काम करता है और इस तरह की गतिविधियों का कानूनी प्रक्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

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Web Title: Sirsa: Farmers sitting on indefinite dharna against registration of cases under sedition

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