संघर्षविराम के बाद से जम्मू कश्मीर में हालात में उल्लेखनीय सुधार : सेना प्रमुख

By भाषा | Updated: July 1, 2021 19:13 IST2021-07-01T19:13:50+5:302021-07-01T19:13:50+5:30

Significant improvement in situation in J&K after ceasefire: Army Chief | संघर्षविराम के बाद से जम्मू कश्मीर में हालात में उल्लेखनीय सुधार : सेना प्रमुख

संघर्षविराम के बाद से जम्मू कश्मीर में हालात में उल्लेखनीय सुधार : सेना प्रमुख

नयी दिल्ली, एक जुलाई फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के बाद से जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है और इसके परिणामस्वरूप सभी मानदंडों के हिसाब से हिंसा में काफी गिरावट दर्ज की गयी है। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

जनरल नरवणे ने एक संस्थान में वार्ता सत्र के दौरान यह भी कहा कि हमेशा शांति तथा विकास प्रक्रिया को बाधित करने वाले तत्व रहेंगे और सुरक्षा बलों को इस चुनौती को ध्यान में रखना होगा।

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने तनाव कम करने के उद्देश्य से 25 फरवरी को घोषणा की थी कि वे एलओसी पर संघर्ष विराम रखेंगे।

सेना प्रमुख ने कहा कि फरवरी में संघर्ष विराम के बाद से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि संघर्ष विराम की स्थिति है, कोई घुसपैठ नहीं हुई है। कोई घुसपैठ नहीं होने की वजह से घाटी में आतंकवादियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है और इस वजह से आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में भी कमी आई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमेशा ऐसे तत्व रहेंगे जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास करेंगे। हमें इसका ध्यान रखना होगा। जम्मू कश्मीर में हमारे पास मजबूत आतंकवाद निरोधक और घुसपैठ निरोधक ढांचा है तथा अमन-चैन लाने के लिए हमारे अभियान चलते रहेंगे।’’

सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों की कुछ पिकेट पर गोलीबारी या कुछ जवानों की जान लेने जैसी हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन कुल मिलाकर हिंसा के सभी मानकों में तेजी से गिरावट स्पष्ट संकेत देती है कि कश्मीर में आम अवाम शांति और विकास की पक्षधर है।’’

जनरल नरवणे ने कहा कि ऐसे हालात बनाने पर और ध्यान देना होगा जो शांति और विकास के लिए अनुकूल हों। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी तथा तालिबान के वहां प्रभाव बढ़ाने से भारत पर संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी अभी चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उस मोर्चे पर हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि इसका हम पर क्या असर होता है।’’

जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हाल में ड्रोन से हुए हमलों के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि कुछ शत्रु तत्व ऐसे होंगे जो घाटी में शांति नहीं रहने देना चाहते। संघर्ष विराम के बाद हिंसा के सभी मानदंडों में गिरावट दर्ज की गयी है। इसलिए आतंकवादियों को सीमापार से मिल रही मदद तथा कश्मीर घाटी में हिंसा के स्तर के बीच निश्चित रूप से तार जुड़े थे।’’

पाकिस्तान, कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय रूप देने के प्रयास करता रहा है। उसने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने तथा उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत सरकार के फैसले के बाद अपने भारत-विरोधी अभियान को तेज कर दिया था।

भारत ने पाकिस्तान से कह दिया है कि वह इस्लामाबाद से सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहता है जिसमें आतंकवाद, शत्रुता तथा हिंसा से मुक्त माहौल हो। भारत ने कहा कि ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।

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Web Title: Significant improvement in situation in J&K after ceasefire: Army Chief

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