सिद्धू ने पूर्ववर्ती सरकार के बिजली खरीद समझौते को रद्द कर नया कानून लाने का आग्रह किया

By भाषा | Updated: July 2, 2021 17:17 IST2021-07-02T17:17:04+5:302021-07-02T17:17:04+5:30

Sidhu urged to bring a new law by canceling the power purchase agreement of the previous government | सिद्धू ने पूर्ववर्ती सरकार के बिजली खरीद समझौते को रद्द कर नया कानून लाने का आग्रह किया

सिद्धू ने पूर्ववर्ती सरकार के बिजली खरीद समझौते को रद्द कर नया कानून लाने का आग्रह किया

चंडीगढ़, दो जुलाई पंजाब में बिजली की किल्लत के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान किए गए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने के लिए नया कानून लाने का शुक्रवार को आग्रह किया।

परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि अगर राज्य ‘‘सही दिशा में’’ काम करता है, तो पंजाब में बिजली कटौती या कार्यालय के समय को विनियमित करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। बिजली के मुद्दे पर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए पूर्व मंत्री सिद्धू ने कहा कि पीपीए राज्य की जनता के हित में नहीं हैं और उन्हें रद्द करने का आह्वान किया।

सिद्धू ने कहा, ‘‘बिजली की लागत, कटौती, बिजली खरीद समझौतों की सच्चाई और पंजाब के लोगों को मुफ्त और 24 घंटे बिजली कैसे दें.....पंजाब में बिजली कटौती की कोई आवश्यकता नहीं है या मुख्यमंत्री को कार्यालय के समय या आम लोगों के ‘एसी’ के उपयोग को विनियमित करने की आवश्यकता नहीं है...अगर हम सही दिशा में कार्य करते हैं।’’ पंजाब कांग्रेस में जारी गतिरोध के बीच सिद्धू ने इस सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की।

राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार के कार्यालयों के समय में शुक्रवार से कटौती करने और ज्यादा ऊर्जा खपत करने वाले उद्योगों को बिजली आपूर्ति में कटौती करने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी कार्यालयों से बिजली का उचित इस्तेमाल करने की भी अपील करते हुए कहा कि स्थिति काफी गंभीर है क्योंकि राज्य में बिजली की मांग 14,500 मेगावाट पर पहुंच गयी हैं

पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मंजूर पीपीए के संबंध में सिद्धू ने कहा, ‘‘पंजाब, ‘नेशनल ग्रिड’ से बहुत सस्ती दरों पर बिजली खरीद सकता है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की सरकार के दौरान हस्ताक्षरित पीपीए पंजाब के हित के खिलाफ काम कर रहे हैं। माननीय न्यायालयों से कानूनी संरक्षण प्राप्त होने के कारण पंजाब इन पीपीए पर फिर से बातचीत करने में सक्षम नहीं है, लेकिन आगे एक रास्ता है।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा किसी भी समय ‘नेशनल पावर एक्सचेंज’ पर उपलब्ध कीमतों पर बिजली खरीद लागत को सीमित करने के लिए पूर्व प्रभाव से नया कानून ला सकती है। सिद्धू ने कहा, ‘‘इस प्रकार, कानून में संशोधन करके ये समझौते खत्म हो जाएंगे और पंजाब के लोगों के पैसे भी बचेंगे।’’

पंजाब के मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने सोमवार को आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ पीपीए के कारण राज्य के ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

सिद्धू ने ‘‘मूल पंजाब मॉडल’’ की वकालत करते हुए कहा कि सौर और जैव ईंधन आधारित ऊर्जा का अब तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा सस्ती होती जा रही है, लेकिन पंजाब की सौर और जैव ईंधन ऊर्जा की क्षमता का कम उपयोग किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के लिए केंद्र की वित्तीय योजनाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है।

सिद्धू ने बिजली खरीद लागत पर कहा कि पंजाब 4.54 रुपये प्रति यूनिट की औसत लागत पर बिजली खरीद रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपये प्रति यूनिट से बहुत अधिक है। साथ ही कहा कि पांच से आठ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से तीन निजी ताप संयंत्रों पर राज्य की निर्भरता के कारण पंजाब को अन्य राज्यों की तुलना में अधिक भुगतान करना पड़ता है।

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Web Title: Sidhu urged to bring a new law by canceling the power purchase agreement of the previous government

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