न्यायालय की अवमानना मामले में कामरा और तनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी

By भाषा | Updated: December 18, 2020 21:41 IST2020-12-18T21:41:40+5:302020-12-18T21:41:40+5:30

Show cause notice issued to Kamra and Taneja in contempt case | न्यायालय की अवमानना मामले में कामरा और तनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी

न्यायालय की अवमानना मामले में कामरा और तनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी

नयी दिल्ली, 18 दिसम्बर उच्चतम न्यायालय ने शीर्ष अदालत के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में हास्य कलाकार कुणाल कामरा और कॉमिक आर्टिस्ट रचिता तनेजा को शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने दोनों को अलग-अलग नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया। हालांकि पीठ ने अवमानना के अन्य मामलों में दोनों को सुनवाई के दौरान पेश होने से छूट दे दी।

न्यायालय ने अपने दो आदेशों में कहा कि अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने अलग-अलग मामलों में दोनों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अपनी सहमति दे दी है।

वेणुगोपाल ने कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर सहमति देते हुए कहा है कि ट्वीट ‘‘खराब भावना’’ के तहत किए गए थे और यह समय है जब लोग समझें कि शीर्ष अदालत पर ढिठाई से हमला करने पर अदालत अवमानना अधिनियम-1971 के तहत सजा हो सकती है।

अटॉर्नी जनरल ने तनेजा के खिलाफ भी अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर सहमति देते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय को बदनाम करने और न्यायपालिका के प्रति लोगों के भरोसे को कम करने के मकसद से इस तरह के ट्वीट किए गए।

उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अदालत को अवमानना अधिनियम-1971 की धारा-15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की सहमति लेनी होती है।

उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना के लिए 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और छह महीने तक की कैद हो सकती है।

शीर्ष अदालत ने कथित अवमाननाजनक ट्वीट के मामले में कामरा और तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने के लिये दायर याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को फैसला सुरक्षित रखा था।

इनमें से एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता निशांत आर. कटनेश्वर्कर ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान दावा किया था कि कामरा के ट्वीट न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक थे।

विधि छात्र आदित्य कश्यप की ओर से तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध वाली याचिका दायर की गई थी। कश्यप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. एस. नरसिम्हा और वकील नमिता सक्सेना शीर्ष अदालत में पेश हुए थे।

कश्यप ने अदालत से कहा था कि याचिका में तनेजा द्वारा तस्वीरों के साथ किये गये उन ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की गई है, जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और उनके फैसलों के प्रति घृणित, अपमानजनक और जानबूझकर आक्षेप लगाने वाले थे।

याचिका में अनुरोध किया गया कि तनेजा को सोशल मीडिया पर ऐसी अपमानजनक पोस्ट करने से रोका जाये, जो शीर्ष अदालत को बदनाम करती हों और उसकी गरिमा को कम करती हों।

कामरा के खिलाफ दायर याचिकाओं में एक याचिका विधि के छात्र श्रीरंग कटनेश्वर्कर ने दायर की है और उन्होंने दावा किया कि 11 नवम्बर को कामरा ने ये ट्वीट तब करने शुरू किए, जब वर्ष 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने अग्रिम जमानत याचिका बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खारिज करने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही थी।

याचिका में आरोप लगाया गया कि 11 नवम्बर को अर्नब गोस्वामी को शीर्ष अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद कामरा ने फिर कई ट्वीट किए जो उच्चतम न्यायालय के लिए अपमानजनक थे और उन्होंने शीर्ष अदालत की गरिमा को कम किया।

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Web Title: Show cause notice issued to Kamra and Taneja in contempt case

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