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शिवकुमार जमानत याचिका: वरिष्ठ कानून अधिकारी के पहुंचने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में ड्रामा

By भाषा | Updated: October 18, 2019 01:21 IST

कांग्रेस के 57 वर्षीय नेता वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इंकार करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ईडी ने पिछले वर्ष सितम्बर में धनशोधन मामले में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

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ठळक मुद्देकर्नाटक कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए वरिष्ठ कानूनी अधिकारी द्वारा माफी मांगने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू कर दी। कानून अधिकारी की गैर मौजूदगी के लिए उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई जिसके कुछ देर बाद अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल (एएसजी) के. एम. नटराज अदालत में पेश हुए और सुनवाई शुरू हुई।

धनशोधन के मामले में गिरफ्तार कर्नाटककांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए वरिष्ठ कानूनी अधिकारी द्वारा माफी मांगने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू कर दी।

कानून अधिकारी की गैर मौजूदगी के लिए उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई जिसके कुछ देर बाद अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल (एएसजी) के. एम. नटराज अदालत में पेश हुए और सुनवाई शुरू हुई। एएसजी ने न्यायमूर्ति सुरेश कैत से माफी मांगी।

इससे पहले न्यायमूर्ति कैत ने ईडी के वकील को फटकार लगाई जिन्होंने इस आधार पर 30 मिनट का वक्त मांगा कि कानून अधिकारी राउज एवेन्यू जिला अदालत में व्यस्त हैं। न्यायमूर्ति कैत ने कहा, ‘‘आप अदालत के साथ लुका-छुपी का खेल नहीं खेल सकते। यह तरीका नहीं है। यह स्वीकार्य नहीं है। अदालत को इंतजार नहीं कराया जाना चाहिए।’’

जब एएसजी पेश नहीं हुए थे तब उच्च न्यायालय ने शिवकुमार की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और ईडी के वकील से कहा कि 19 अक्टूबर की दोपहर तक अपना लिखित हलफनामा दायर करें। बहरहाल जब एएसजी ने माफी मांग ली तो अदालत मामले में सुनवाई करने पर सहमत हो गई।

एएसजी ने न्यायाधीश से उनके चैंबर में मुलाकात की जिसके बाद अदालत ईडी की सुनवाई करने पर सहमत हुई और बाद में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। एएसजी के बाद शिवकुमार के वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने भी न्यायाधीश से उनके चैम्बर में मुलाकात की। ज

माफी को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने ईडी की जिरह सुनी जिसने शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

एएसजी ने कहा कि शिवकुमार और उनके परिवार ने 300 से अधिक संपत्तियां हासिल कीं और धनशोधन मामले में जांच चल रही है। कानून अधिकारी ने कहा कि शिवकुमार और उनके सहयोगियों के 317 बैंक खाते थे। कर्नाटक में सात बार के विधायक शिवकुमार को ईडी ने तीन सितम्बर को धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत कथित अपराध के लिए गिरफ्तार किया था।

कांग्रेस के 57 वर्षीय नेता वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इंकार करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ईडी ने पिछले वर्ष सितम्बर में धनशोधन मामले में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

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