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शिवसेना ने बीजेपी पर लगाया सत्ता के लिए 'थैली' बांटने का आरोप, कहा- मुक्के की बात होगी तो उसका भी उत्तर देंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 7, 2019 09:54 IST

सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध का जल्द समाधान निकलने की उम्मीद थी लेकिन आज सामना ने शिवसेना ने एकबार फिर हमला बोला है।

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ठळक मुद्देशिवसेना ने कहा- गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद कोई बांट रहा होगा तो यहां कोई मरी मां का दूध नहीं पिया है।राज्य में महायुति की ही सरकार आएगी, ऐसी गर्जना भाजपा के चंद्रकांत दादा पाटिल आदि नेताओं ने की है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के करीब पखवाड़े भर बाद भी राज्य में नयी सरकार के गठन की संभावनाएं बनती नजर नहीं आ रही हैं। इस बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना ने आज बीजेपी पर एकबार फिर निशाना साधा है। संपादकीय में शिवसेना ने बीजेपी पर पैसे देकर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि यह हम सिर्फ मुद्दे की बात कर रहे हैं और मुक्के की बात होगी तो उसका भी उत्तर हम देंगे। गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद कोई बांट रहा होगा तो यहां कोई मरी मां का दूध नहीं पिया है।

सामना ने संपादकीय में लिखा, 'राज्य में महायुति की ही सरकार आएगी, ऐसी गर्जना भाजपा के चंद्रकांत दादा पाटिल आदि नेताओं ने की है। उनके मुंह में शक्कर क्योंकि सुधीर मुनगंटीवार ने ‘खुश’ खबर मिलेगी, ऐसा दावा किया है। सवाल अब इतना ही है कि वो सरकार निश्चित तौर पर कब आएगी और ये ‘महायुति’ निश्चित तौर पर किसकी और कैसी होगी? ये दादा आदि ने नहीं बताया।'

संपादकीय में आगे लिखा, 'भारतीय जनता पार्टी जिस ‘महायुति’ की बात कर रही है वो आकार में बड़ी हो फिर भी उसमें शामिल कई दलों के एक भी विधायक नहीं हैं। ये बगैर विधायकों का ‘महामंडल’ परसों राज्यपाल से मिला और सरकार गठन के बारे में चिंता व्यक्त की। ये चिंता राज्य की कम, अगली सरकार में अपनी स्थिति क्या होगी, इस पर ज्यादा थी। ये बिना विधायकोंवाले महामंडल कल दूसरी सरकार के आने पर पिछला सब कुछ भुलाकर नई सरकार में शामिल नजर आएंगे। ‘निवर्तमान’ कई मंत्री चिंतित हैं। उन्हें भी अपनी सरकारी गाड़ी, घोड़ा, बंगला जाने की चिंता है। उनकी धड़कन बढ़ गई है। पर राज्य की जनता एक सुर में मांग कर रही है कि कुछ भी हो महाराष्ट्र में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होना चाहिए।'

संपादकीय में लिखा है कि मेहमानों के चप्पलों के ढेर आज भी हमारे दरवाजे पर हैं। इसे शिवसेना की अमीरी कहना चाहिए। हमें चिंता है राज्य की व किसानों की। पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए ‘थैलियां’ बांटने में हो रहा है पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है इसीलिए किसानों को शिवसेना की सत्ता चाहिए। यह हम सिर्फ मुद्दे की बात कर रहे हैं और मुक्के की बात होगी तो उसका भी उत्तर हम देंगे। गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद कोई बांट रहा होगा तो यहां कोई मरी मां का दूध नहीं पीया है। नैतिक मूल्य विहीन राजनीति नहीं होगी तो अन्याय, भ्रष्टाचार और अत्याचार को संरक्षण मिलता रहेगा। महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल करके कोई राज्य नहीं कर सकता। शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी ही है!

मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल दो दिनों में समाप्त हो रहा है और नये विधायकों को शपथ दिलाने के लिये अगले हफ्ते विधानसभा का तीन दिनों का एक विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध का जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है और निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नयी सरकार का गठन हो सकता है।

टॅग्स :महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019शिव सेनाभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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