शिवसेना ने अनाथ बच्चों के प्रति ‘मानवता’ दिखाने के लिए मप्र सरकार की सराहना की

By भाषा | Updated: May 15, 2021 17:46 IST2021-05-15T17:46:06+5:302021-05-15T17:46:06+5:30

Shiv Sena praises MP government for showing 'humanity' towards orphans | शिवसेना ने अनाथ बच्चों के प्रति ‘मानवता’ दिखाने के लिए मप्र सरकार की सराहना की

शिवसेना ने अनाथ बच्चों के प्रति ‘मानवता’ दिखाने के लिए मप्र सरकार की सराहना की

मुंबई, 15 मई शिवसेना ने कोविड-19 की वजह से अनाथ हुए बच्चों को पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन तथा नि:शुल्क राशन एवं शिक्षा उपलब्ध कराने के निर्णय के लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की शनिवार को सराहना की।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना ने महामारी के समय दिल्ली में सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाओं तथा मंत्रियों की ‘पीआर मशीनरी’ पर धन खर्च करने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया।

शिवसेना की टिप्पणी को परोक्ष हमले के रूप में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर केंद्रित माना जा रहा है जिनके सोशल मीडिया अकाउंट को देखने का काम एक निजी एजेंसी को देने के लिए राज्य सरकार ने लगभग छह करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय किया था।

आलोचना होने पर अजित पवार ने इस संबंध में लिए गए निर्णय को रद्द करने का आदेश दिया था।

शिवसेना ने कहा, ‘‘इस बारे में प्राय: चर्चा होती है कि कोविड-19 की वजह से माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों की देखरेख कैसे की जाए। महाराष्ट्र में भी मुद्दे पर काफी चर्चा होती है। लेकिन मध्य प्रदेश चर्चाओं तक सीमित नहीं रहा, और उसने ऐसे बच्चों की वित्तीय मदद करने का फैसला किया।’’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 मई को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों को राज्य सरकार नि:शुल्क शिक्षा, राशन और पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन उपलब्ध कराएगी।

शिवसेना ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश सरकार ने शेष देश को मानवता का मार्ग दिखाया है। फैसले से पता चलता है कि राजनीतिक नेताओं में अब भी मानवता बची है।’’

भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार का नेतृत्व कर रही है, जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं।

शिवसेना ने कहा कि प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘महामारी के दौरान अनाथ बच्चों का दुख एक बड़ी आपदा है।’’

शिवसेना ने महाराष्ट्र के लातूर में 1993 में आए भूकंप को याद किया जिसमें अनेक लोगों की मौत हो गई थी।

इसने कहा, ‘‘अनेक परिवार जिन्दा दफन हो गए थे। उस समय, अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए कई सामाजिक संगठन आगे आए थे।’’

शिवसेना ने कहा कि गुजरात के भुज में 2001 में आए भूकंप, दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों, पंजाब और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद जैसी घटनाओं में अनेक बच्चे अनाथ हो गए।

संपादकीय में कहा गया, ‘‘अनाथ बच्चों का दुख भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व में, खासकर संघर्ष क्षेत्रों में एक बड़ा मानवीय मुद्दा बन चुका है।’’

शिवसेना ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अनाथ बच्चों का पंजीकरण करना चाहिए तथा मानवीय आधार पर उनकी मदद करनी चाहिए।

इसने कहा, ‘‘देश को सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाओं, जो दिल्ली को विरूपित करेगी, या मंत्रियों की पी आर मशीनरी पर खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। लोगों के जीने की आवश्यकता है। अनाथों की देखभाल किए जाने की आवश्यकता है। सामाजिक संगठन अपनी भूमिका निभाएंगे, लेकिन राजनीतिक नेता क्या कर सकते हैं, मध्य प्रदेश ने मार्ग दिखा दिया है।

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Web Title: Shiv Sena praises MP government for showing 'humanity' towards orphans

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