विवादास्पद धर्म संसद मामले में गिरफ्तारी नहीं होना शर्मनाक: गहलोत
By भाषा | Updated: December 29, 2021 20:16 IST2021-12-29T20:16:03+5:302021-12-29T20:16:03+5:30

विवादास्पद धर्म संसद मामले में गिरफ्तारी नहीं होना शर्मनाक: गहलोत
जयपुर, 29 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तराखंड में विवादास्पद धर्म संसद मामले में अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने पर हैरानी जताते हुए कहा है कि यह 'विधान एवं कानून व्यवस्था का मजाक बनाने जैसा है।'
गहलोत ने ट्वीट किया, 'ये बेहद शर्मनाक है कि उत्तराखंड में हुई विवादास्पद धर्म संसद के एक सप्ताह से अधिक समय गुजरने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक मीडिया चैनल से बातचीत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे से अनभिज्ञता जताई जो आश्चर्यजनक है जबकि वहां का गृह विभाग उन्हीं के पास है।'
गहलोत के अनुसार,' भाजपा शासित राज्यों में कलाकारों, पत्रकारों एवं कॉमेडियनों तक पर एनएसए व यूएपीए लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए कार्रवाइयां की गईं परन्तु उत्तराखंड में नरसंहार के लिए उकसाने के भाषणों के बावजूद कोई गिरफ्तारी तक नहीं हुई है। यह संविधान एवं कानून व्यवस्था का मजाक बनाने जैसा है।'
उन्होंने लिखा है कि धर्म संसद के नाम पर लोगों को नरसंहार के लिए उकसाने एवं गांधीजी एवं नेहरू जी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को गाली देने का काम हो रहा।
गहलोत के अनुसार,' हम सभी सोचें कि एक धर्म संसद 1893 में शिकागो में आयोजित हुई जहां हुई चर्चा से स्वामी विवेकानन्द जैसे महापुरुष निकले थे। यहां हो रही धर्म संसदों से उपद्रवी एवं बददिमाग लोग निकल रहे हैं।' उन्होंने लिखा है, ‘‘देशवासियों को तय करना चाहिए कि हमें स्वामी विवेकानन्द जैसे महान व्यक्तित्व की आवश्यकता है या ऐसे उपद्रवी एवं नरसंहार की बात करने वाले लोगों की।
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