काबुल से अपने वतन लौटकर राहत की सांस ली शैलेंद्र ने

By भाषा | Updated: August 23, 2021 21:39 IST2021-08-23T21:39:37+5:302021-08-23T21:39:37+5:30

Shailendra breathed a sigh of relief after returning to his homeland from Kabul | काबुल से अपने वतन लौटकर राहत की सांस ली शैलेंद्र ने

काबुल से अपने वतन लौटकर राहत की सांस ली शैलेंद्र ने

काबुल से भारत पहुंचे 40 वर्षीय शैलेंद्र शुक्ला सोमवार को परिवार से मिलकर राहत महसूस कर रहे हैं और काबुल में खौफ के साए में बिताए गए उन 48 घंटों को भूलना चाहते हैं। गोरखपुर के चौरी चौरा क्षेत्र के नयी बाजार निवासी शैलेंद्र शुक्ला सोमवार को अफगानिस्तान से गोरखपुर लौटे। वह उन 150 व्यक्तियों में शामिल हैं, जो सुरक्षित भारत लौट आए हैं। घर पहुंचते ही उन्होंने चैन की सांस ली और कहा कि वह उन 48 घंटों के दर्दनाक अनुभव को भूलना चाहते हैं, जो उन्होंने काबुल में खौफ के साए में रहते हुए बिताए। शैलेंद्र 16 जुलाई को एक निजी कंपनी में मशीनों के रखरखाव के लिए ढाई महीने के लिए काबुल गये थे, लेकिन तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद उन्हें वापस आना पड़ा। जब उन्होंने अपनी आपबीती बतायी तो उनके दो बेटे और पूरा परिवार भावुक हो गया। शैलेंद्र ने स्वदेश लौटने में उनकी मदद करने के लिए सरकार और मीडिया को धन्यवाद दिया। अफगानिस्तान के खौफनाक अनुभवों को याद करते हुए शुक्ला ने बताया,"तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद हमारे कारखाने के मालिक ने सुरक्षा कारणों से हमें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी, लेकिन हम लगातार भारतीय दूतावास और मीडिया के संपर्क में थे। भारतीय दूतावास ने हमें काबुल के खलीज हॉल में इकट्ठा किया और हमें दूतावास के समन्वयक (कोआर्डिनेटर) के साथ छह बसों में शाम को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया गया, जहां रात भर हम हवाई अड्डे से बाहर अपनी बसों में ही बैठे रहे।" शैलेन्द्र ने बताया,"सुबह आठ तालिबानियों ने हमारे समन्वयक को धमकाया और हमें उनके साथ चलने के लिए कहा। उन्होंने हमें साढ़े चार घंटे के लिए किसी जगह पर बैठाया, लेकिन जैसे ही सूचना मीडिया और भारतीय दूतावास तक पहुंची, वे नरम पड़ गए और हमें चाय और दोपहर के भोजन की पेशकश की और लगभग साढ़े चार घंटे के बाद हमें मुक्त कर दिया।’’ शैलेंद्र ने बताया,"हम 150 लोग भारतीय वायुसेना के विमान से रविवार को गाजियाबाद एयरबेस पहुंचे और फिर वायुसेना की बस से ही आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां से हम आज दोपहर करीब साढ़े बारह बजे गोरखपुर पहुंचे।

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Web Title: Shailendra breathed a sigh of relief after returning to his homeland from Kabul

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