बच्चों के भीख मांगने के खिलाफ दर्ज पीआईएल पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: August 13, 2021 14:55 IST2021-08-13T14:55:31+5:302021-08-13T14:55:31+5:30

Seeks response from Center and Delhi government on PIL filed against begging of children | बच्चों के भीख मांगने के खिलाफ दर्ज पीआईएल पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

बच्चों के भीख मांगने के खिलाफ दर्ज पीआईएल पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 13 अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय ने बच्चों के भीख मांगने के उन्मूलन को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति अमित बंसल ने अजय गौतम की याचिका पर नोटिस जारी किये। पीठ ने केन्द्र और दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग और दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।

गौतम ने इस याचिका में भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए और उन लोगों को गिरफ्तार करने का भी अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया है जो "बच्चों, किशोरियों और छोटे बच्चों का उपयोग करने वाली महिलाओं को भीख मांगने और...अपराध में धकेल रहे हैं" और युवा लड़कियों का शोषण कर रहे हैं।

गौतम ने आरोप लगाया कि शहर के हर हिस्से में भिखारियों की मौजूदगी के बावजूद अधिकारियों ने इस बुराई को खत्म करने के लिए कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए।

याचिका में कहा गया, ‘‘हर कोई जानता है कि बच्चों द्वारा भीख मांगने की इस बुराई के पीछे भीख माफिया सक्रिय हैं और दरअसल भीख मंगवाने के लिए मासूम बच्चों का अपहरण, उनको प्रशिक्षण देते हैं, मजबूर करते हैं और उनपर अत्याचार करते हैं।”

इसमें कहा गया कि छोटे बच्चों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जाता है और घायल किया जाता है ताकि "लोगों की अधिकतम सहानुभूति प्राप्त की जा सके।”

याचिका में कहा गया, “सर्दियों के मौसम में यह आमतौर पर देखा जाता है कि लड़कियां बिना कपड़ों के गोदी में बच्चों को लिए रहती हैं ताकि ज्यादा सहानुभूति मिले। यहां यह उल्लेख करना भी संदर्भ से बाहर नहीं है कि कई मामलों में ये माफिया गिरोह और लड़कियां लोगों की सहानुभूति पाने के लिए जानबूझकर छोटे बच्चों को नशीली चीजें देती हैं जहां 9 से 12 महीने तक के बच्चों के जीवन को खतरे में डाला जाता है।”

याचिका में तर्क दिया गया है कि भारत का संविधान राज्य को बच्चों के विकास के लिए सर्वोत्तम अवसर प्रदान करने के प्रयास करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश देता है कि उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं हो।

मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।

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Web Title: Seeks response from Center and Delhi government on PIL filed against begging of children

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