कोविड-19 की दूसरी लहर और ओमीक्रोन ने 2021 में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को संकट में डाला

By भाषा | Updated: December 28, 2021 12:25 IST2021-12-28T12:25:02+5:302021-12-28T12:25:02+5:30

Second wave of Kovid-19 and Omicron jeopardize Maharashtra's health sector in 2021 | कोविड-19 की दूसरी लहर और ओमीक्रोन ने 2021 में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को संकट में डाला

कोविड-19 की दूसरी लहर और ओमीक्रोन ने 2021 में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को संकट में डाला

(प्रशांत रांगनेकर)

मुंबई, 28 दिसंबर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को 2021 में गंभीर दबाव का सामना करना पड़ा। उसे कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण आई कोविड-19 की क्रूर दूसरी लहर की मार झेलनी पड़ी, जिसमें संक्रमण के दैनिक मामलों और मौतों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई और वर्ष का अंत आते-आते नए स्वरूप ओमीक्रोन के मामले भी बढ़ने लगे।

कोविड-19 मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के संघर्ष के दौरान, उसे कुछ अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं का भी सामना करना पड़ा जिसमें कई मरीजों और बच्चों की जानें गईं। इन घटनाओं ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को संकट में डालने के साथ ही चिकित्सा केंद्रों में सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए।

इससे पहले साल की शुरुआत में, राज्य में म्यूकरमाइकोसिस यानी ‘ब्लैक फंगस’ के भी कई मामले सामने आए और मरीजों को इसके इलाज के लिए महंगी दवाएं खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा, जिनकी आपूर्ति कुछ महीनों तक बहुत कम रही थी।

वहीं, सकारात्मक पहलू यह रहा कि महाराष्ट्र, जनवरी में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा कोविड टीके लगाने वाला दूसरा राज्य बन गया और उसे इसके लिए बंबई उच्च न्यायालय से तारीफ भी मिली। अदालत ने हाल में कहा कि राज्य कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न संकट से सफलतापूर्वक निपटने में “अग्रदूतों में से एक रहा।”

देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने के 11 महीने से अधिक समय में 26 दिसंबर तक महाराष्ट्र ने 13,10,21,074 खुराकें (7,95,56,437 पहली खुराक और 5,14,64,637 दूसरी खुराक सहित) दी थीं - वह टीके की सबसे ज्यादा खुराकें देने में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है।

इस साल की शुरुआत में, कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप ने महाराष्ट्र सहित देश में घातक दूसरी लहर शुरू की, और मार्च और मई के बीच प्रतिदिन कई लोगों की मौत हुई।

राज्य के निगरानी अधिकारी डॉ प्रदीप आवते ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “दूसरी लहर के दौरान, राज्य में अप्रैल और मई के दो महीनों में करीब 60,000 मरीजों की मौत हुई। फिर, मामले दोबारा से घटने लगे। हालांकि, अब अगर आप आंकड़े देखें तो संख्या फिर से बढ़ने लगी है।”

दुनिया के अन्य हिस्सों में संक्रमण की लहरें लाने वाले डेल्टा स्वरूप के बाद अब ओमीक्रोन स्वरूप के मामले भी बढ़ने लगे हैं।

महामारी से निपटना स्वास्थ्य अधिकारियों और महाराष्ट्र सरकार के लिए मिश्रित स्थिति जैसा रहा है। अगर पहली लहर ने कुछ कठिन सबक सिखाए, तो दूसरी लहर ने इससे निपटने के तरीकों को और अधिक लचीला बना दिया और अब नए साल में, चुनौती ओमीक्रोन से निपटने की है, जिसके बारे में प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि यह डेल्टा और अन्य स्वरूपों की तुलना में तेजी से फैलता है और टीकों से मिली प्रतिरक्षा से बच निकलता है।

डॉ आवते ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भले ही नया स्वरूप तेजी से फैलता है, लेकिन बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई है।

कोविड​​-19 मामलों में फिर से वृद्धि के बीच, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हाल में कहा कि राज्य में नये सिरे से लॉकडाउन तभी लगाया जाएगा जब मेडिकल ऑक्सीजन की मांग प्रति दिन 800 मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी।

राज्य सरकार ने हाल में सार्वजनिक स्थानों पर रात नौ बजे से सुबह छह बजे के बीच पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है और सार्वजनिक कार्यक्रमों में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित कर दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Second wave of Kovid-19 and Omicron jeopardize Maharashtra's health sector in 2021

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे