दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बताया कि कोविड 19 की दूसरी लहर में पूरे भारत में 594 डॉक्टरों की मौत हो गई। आईएमए ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरने वाले डॉक्टरों के आंकड़ों की रिपोर्ट साझा की है ।
आईएमए के अनुसार दूसरी लहर में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत दिल्ली में हुई है। दिल्ली में 107 डॉक्टरों की जान चली गई है। वहीं, इसके बाद बिहार में 96 और उत्तर प्रदेश में 67 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है।
इस अवधि के दौरान 6 राज्यों में 25 से 50 डॉक्टरों मौतें दर्ज की गई, जिनमें राजस्थान(43), झारखंड(39), आंध्र प्रदेश(32), तेलंगाना(32), गुजरात(31) और पश्चिम बंगाल(25) शामिल है। वहीं चार राज्यों में 25 से कम डॉक्टरों की मौत हुई। जिनमें ओडिशा(22), तमिलनाडु(21), महाराष्ट्र(17) और मध्य प्रदेश(16) शामिल है जबकि अन्य 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आकड़े कुछ कम है।
आईएमए ने पहले भी जारी की थी रिपोर्ट
इससे पहले 20 मई को जारी रिपोर्ट में आईएमए ने देश में कोरोना वायरस दूसरी लहर में 329 डॉक्टरों की मौत की मौत कही थी। उस समय के रिपोर्ट के अनुसार तब तक सबसे अधिक 80 डॉक्टरों ने बिहार में जान गंवाई थी। वहीं, दिल्ली में 73 डॉक्टरों की मौत की बात कही गई थी।
जाहिर है अब इसमें बढ़ोतरी है। आईएमए के मुताबिक कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हुई थी।
आईएमए ने की हेल्थ केयर सुरक्षा कानून की मांग
भारत में टीकाकरण अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका दिया गया था । आईएमए ने हेल्थ केयर हिंसा के खिलाफ सख्त कानून की मांग की है।
आईएमए ने स्वास्थ्य देखभाल हिंसा के खिलाफ एक प्रभावी और मजबूत कानून की मांग करते हुए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सोमवार को असम की एक घटना का उदाहरण दिया । जहां एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने पर भीड़ ने डॉक्टर की पिटाई कर दी।
आईएमए ने कहा कि यह बेहद अमानवीय हमला है । डॉ सेज कुमार राज्य के होजल जिले में कोविड केयर सेंटर में कार्यरत थे । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मंत्री से आपातकालीन आधार पर उनकी अपील पर विचार करने और देश के स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत और प्रभावी अधिनियम बनाने का आग्रह किया ।
हाल ही में आईएमए ने बाबा रामदेव पर भी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बयान देने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी । उन्होंने कहा था कि बाबा रामदेव ने कोविड प्रोटोकॉल और टीकों के बारे में लोगों में भ्रम पैदा किया है ।