छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति करेगा एसईसीएल

By भाषा | Updated: October 11, 2021 20:51 IST2021-10-11T20:51:59+5:302021-10-11T20:51:59+5:30

SECL will supply 29 thousand 500 metric tonnes of coal daily to Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति करेगा एसईसीएल

छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति करेगा एसईसीएल

रायपुर, 11 अक्टूबर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) प्रतिदिन 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति करेगा।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए एसईसीएल द्वारा प्रतिदिन 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जाएगी। एसईसीएल के सीएमडी ने इसके लिए सहमति दी है।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति और उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के दौरान एसईसीएल के सीएमडी अंबिका प्रसाद पांडा से कहा कि छत्तीसगढ़ के खदानों से कोयला निकालकर विभिन्न राज्यों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है इसलिए एसईसीएल द्वारा प्राथमिकता के आधार पर राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के कोयले की आपूर्ति की जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि बैठक में पांडा ने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही अच्छी गुणवत्ता के कोयले की भी आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण कोयले की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वर्तमान में एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ को 23 हजार 290 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि रेलवे को छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में डिब्बे उपलब्ध कराने चाहिए। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महा प्रबंधक आलोक कुमार ने इसके लिए सहमति दी।

अधिकारियों ने बताया कि बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष और विशेष सचिव (ऊर्जा) अंकित आनंद ने कहा कि वर्तमान में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र, कोरबा पूर्व में 3.8 दिन तक के लिए कोयले का भंडार है। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र, कोरबा पश्चिम में 3.2 दिन तक के लिए तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र में सात दिनों तक के लिए कोयला उपलब्ध है।

आनंद ने बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियमों के अनुसार पांच दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को गंभीर स्थिति माना जाता है। अब कोयले की आपूर्ति बढ़ने से छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

उन्होंने बताया कि राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में राज्य की बिजली की औसत मांग 3803 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली की उपलब्धता 3810 मेगावाट है। राज्य में व्यस्त समय में विद्युत की औसत मांग 4123 मेगावाट है, जबकि बिजली कम्पनी द्वारा 4123 मेगावाट बिजली की औसत उपलब्धता बनाई रखी जा रही है। व्यस्त समय में आवश्यकतानुसार 200 से 400 मेगावाट विद्युत क्रय लगातार किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी की लारा (400 मेगावाट) और सीपत इकाई (104 मेगावाट) तथा एनएसपीएल संयंत्र (25 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव के कारण बंद हैं। इस कारण कुल 529 मेगावाट बिजली कम प्राप्त हो रही है। एनटीपीसी की लारा इकाई के 12 अक्टूबर से फिर से शुरू होने की संभावना है। एनटीपीसी सीपत संयंत्र 21 अक्टूबर तक शुरू होने की संभावना है।

अधिकारियों ने बताया कि बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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