भारतीय वायु सेना (IAF) के रूस निर्मित एएन-32 (AN-32) विमान तलाशने का अभियान आज चौथे दिन भी जारी है। AN-32 विमान सोमवार (3 जून) को अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के पास लापता हो गया था इस विमान में क्रू मेंबर सहित 13 लोग सवार थे। विमान ने दोपहर 12.25 बजे जोरहाट से उड़ान भरी थी लेकिन दोपहर 1 बजे के बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो पाया था। विमान में मौजूद लोगों के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि वो जल्द से जल्द इनको खोजें। वायु सेना विमान पर सवार कर्मियों के परिवारों को बचाव अभियान के बारे में लगातार जानकारी दे रही है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बात की जानकारी दी है कि विमान AN-32 को खोजने के लिए क्षेत्र का विस्तार किया गया है और वायुसेना के चीता जैसे छोटे और अधिक काम में आने वाले हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा जमीन के माध्यम से भी लापता विमान को खोजा जा रहा है।
वायु सेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने बताया कि जंगल, दुर्गम घाटी और इलाके में खराब मौसम के बावजूद खोज और बचाव अभियान तेज कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि हवाई सेंसर से मिली अहम सूचनाओं का गहन आकलन किया जा रहा है । विमान को खोजने के लिए थल सेना और नौसेना, पुलिस और प्रशासन की सहायता के कारण जमीन पर दलों का काम रात भर चलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि लापता विमान का पता लगाने के लिए एमआई-17 और थलसेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों के अलावा सी-130जे, एएन-32 सहित अत्याधुनिक सेंसरों से लैस विमान और समुद्र में लंबी दूरी तक टोह लेने में सक्षम भारतीय नौसेना के पी-8 मारीटाइम विमान को तैनात किया गया है।
वायु सेना के लापता परिवहन विमान की तलाश के लिए लगातार चौथे दिन बुधवार को भी अभियान जारी रहा। दिन-रात 24 घंटे इसकी तलाश की जा रही है। रूस में बने एएन-32 विमान का असम में जोरहाट से रवाना के बाद सोमवार दोपहर संपर्क टूट गया। चीन से लगी सीमा के पास मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए यह विमान निकला था।
वायु सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि लापता विमान की तलाश के अभियान में तीसरे दिन दो सुखोई-30 विमानों को भी लगाया गया। इसके अलावा सी-130 जे और एएन 32 विमानों और दो मिग-17 तथा एएलएच के दो हेलिकॉप्टरों की भी सेवाएं ली जा रही है। सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और राज्य पुलिस के कर्मी भी जमीन पर अभियान में जुटे हुए हैं ।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि बचाव कर्मियों को लापता विमान में आपात लोकेटर बीकन से कोई सिग्नल नहीं मिला है। ऐसी आशंका है कि उपकरण शायद काम नहीं कर रहा होगा। उन्होंने बताया कि लापता हुआ विमान नवीनतम वैमानिकी और रडारों के साथ अद्यतन नहीं हुआ था, हालांकि कुछ ए एन-32 विमानों में अत्याधुनिक प्रणाली है। वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि विमान की तलाश में जुटे बचावकर्मियों की मदद के लिए इसरो के कार्टोसेट और रिसैट उपग्रहों से मेंचुका के आसपास के इलाके की तस्वीरें ली जा रही है। उन्होंने बताया कि जंगल और दुर्गम घाटी होने के कारण बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण है। (पीटीआई इनपुट के साथ)