लाइव न्यूज़ :

वैज्ञानिकों ने मलेरिया के जिम्मेदार मच्छर का विस्तृत जीनोम मानचित्र तैयार किया

By भाषा | Updated: February 11, 2021 16:43 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 11 फरवरी वैज्ञानिकों ने मलेरिया बीमारी का प्रसार करने वाले मच्छरों का विस्तृत जीनोम मानचित्र तैयार किया है जिसमें हजारों नए जीन का पता चला है जो बीमारी के प्रसार को आनुवांशिकी आधार पर रोकने की रणनीति विकसित करने में अहम साबित हो सकते हैं।

बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक ऐंड सोसाइटी (टीआईजीएस) एवं इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइंफॉर्मेटिक ऐंड एप्लायड बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों सहित अनुसंधानकर्ताओं ने रेखांकित किया कि वेक्टर जनित बीमारियों में मच्छर द्वारा प्रसारित मलेरिया विश्व की सबसे घातक बीमारियों में एक है जिसकी वजह से वर्ष 2019 में करीब चार लाख लोगों की जान गई थी।

मलेरिया का प्रसार रोकने के लिए सीआरआईएसपीआर और जीन आधारित रणनीति तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों को वेक्टर मच्छर के जीनोम की जानकारी होने की जरूरत है।

सीआरआईएसपीआर वह तकनीक है जिसमें जीन संशोधन किया जाता है और अनुसंधानकर्ता आसानी से डीएनए के क्रम में बदलाव कर जीन के कार्य में बदलाव कर सकते हैं।

अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी), इर्विन में परियोजना वैज्ञानिक महुल चक्रवर्ती एवं उनके सहयोगियों ने एशियाई मलेरिया वेक्टर (संचारक) मच्छर एनोफिलिस स्टीफेंसी का नया संदर्भ जीनोम तैयार किया है।

टीआईजीएस-यूसी सैन डियागो के विज्ञान निदेशक प्रोफेसर इथन बियेर ने कहा, ‘‘ एनोफिलिस स्टीफेंसी दक्षिण एशिया के शहरी इलाकों का प्रमुख मलेरिया संचारक मच्छर है जिसने हाल में हॉर्न ऑफ अफ्रीका में घुसपैठ की है। पूर्वानुमान है कि यह अफ्रीका के शहरी क्षेत्र में मलेरिया का प्रसार करने वाला प्रमुख मच्छर बन जाएगा और यह 12.6 करोड़ शहरी अफ्रीकी को खतरा उत्पन्न करेगा।’’

जर्नल बीएमसी बायोलॉजी में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के सह लेखक बियेर ने कहा, ‘‘नया जीनोम संग्रह आनुवांशिकी कार्यप्रणाली का विस्तृत एवं सटीक मानचित्रण हैं और यह एनोफिलिस स्टीफेंसी की आनुवांशिकी के अध्ययन के नए युग का आधार साबित होगा।’’

एनोफिलिस स्टीफेंसी के अद्यतन जीनोम मानचित्र में अनुसंधानकर्ताओं ने 3000 से अधिक जीन का पता लगाया है जिसकी जानकारी पिछले मानचित्रण में नहीं लगी थी।

वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन नए जीन की जानकारी मिली है वे मच्छरों के खून चूसने, खून को पचाने, प्रजनन एवं बीमारी फैलाने वाले जीवाणु के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

वैज्ञानिकों को इस दौरान पूर्व में अज्ञात 29 जीन का भी पता चला है जो रासायनिक कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता में अहम भूमिका निभाते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावः भाजपा 117, शिवसेना 53, एनसीपी 37, कांग्रेस 28 सीट पर मारी बाजी?, पीएम मोदी, अमित शाह और NDA नेताओं ने दी बधाई

भारतअरुणाचल प्रदेश जिला परिषद चुनावः 245 में से 170 सीट पर जीत, ग्राम पंचायत चुनावों में बीजेपी ने 8,208 सीट में से 6,085 सीट जीतीं, पीएम मोदी ने दी बधाई

क्राइम अलर्टदिसंबर 2024 और मार्च 2025 के बीच 7वीं कक्षा की छात्रा से कई महीने तक बलात्कार, 15 वर्षीय पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, 34 वर्षीय आरोपी राजेश अरेस्ट

क्रिकेटIND W vs SL W 1st T20I: विश्व विजेता टीम ने जीत से की शुरुआत, श्रीलंका को 32 गेंद रहते 08 विकेट से हराकर 05 मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त ली, स्मृति मंधाना के 4000 रन पूरे

पूजा पाठPanchang 22 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

भारत अधिक खबरें

भारतश्रीनिवास रामानुजन जयंती: गौरवशाली गणित परंपरा की नजीर

भारतमहाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव 2025ः ‘ट्रिपल इंजन’ के बाद से आम आदमी की बढ़ती अपेक्षाएं'

भारतसंसद से सड़क तक टकराव?, कांग्रेस में दो सत्ता केंद्रों की चर्चा के निहितार्थ

भारतHoliday Calendar 2026: कब होगी त्योहारों की छुट्टी और कब बंद रहेंगे बैंक? जानिए साल 2026 की पूरी अवकाश सूची

भारतMaharashtra Local Body Polls Result: महायुति 214, एमवीए 49, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जानें किस पार्टी को कितनी सीटें