यूपी के बरेली में स्कूल ने सिख छात्रों को पगड़ी पहनने और कृपाण धारण करने से किया मना, एसजीपीसी ने जताया विरोध
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 23, 2022 02:16 PM2022-07-23T14:16:02+5:302022-07-23T14:22:59+5:30
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक स्कूल ने सिख छात्रों के लिए फरमान जारी किया कि वो स्कूल में न तो पगड़ी पहन सकते हैं और न ही कृपाण धारण कर सकते हैं। इसके बाद सिख समुदाय ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में कथित तौर पर प्रबंधन द्वारा सिख छात्रों को पगड़ी पहनने और कृपाण धारण करने से रोका जाने का मामला सामने आया है। दरअसल इस मामले में तब तूल पकड़ा जब सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने स्कूल प्रबंधन के आदेश को सिख धर्म विरोधी बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है।
घटना की जानकारी जैसे ही एसजीपीसी को हुई, उसके अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "मैं देश भर में रहने वाले सिखों से अपील करता हूं कि वे इस मसले पर एक साथ आएं और सिखों के खिलाफ भेदभाव करने वाले लोगों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाएं और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से इस संबंध में एक्शन लेने की मांग करें।"
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, "देश में सिखों के साथ इस तरह के भेदभाव और दुर्व्यवहार जानबूझकर किए जा रहे हैं और ऐसे मामलो में राज्य सरकारों की भूमिका भी पारदर्शी नहीं होती है।"
इसके साथ ही धामी ने सिखों के त्याग और बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यक होने के बावजूद सिख भाईयों ने इस देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानी दी है, इस बात को भूलना नहीं चाहिए। आज अगर देश की संस्कृति बरकरार है तो उसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि सिख उसके पीछे खड़े हैं। लेकिन उसके बावजूद सिखों के साथ पूरे देश में भेदभाव किया जाता है।
मालूम हो कि बीते गुरुवार को यूपी के बरेली में सिख समुदाय के सदस्यों ने एक स्कूल प्रबंधन के उस कथित फैसले का विरोध किया था, जिसमें स्कूल प्रबंधन ने स्कूल में सिख छात्रों को पगड़ी नहीं पहनने और कृपाण न रखने की बात कही थी।
इसके साथ ही सिख समुदाय का आरोप है कि अपने बेतुके आदेश के पालन करवाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने कथित तौर पर सिख छात्रों के अभिवावकों को बाकायदा धमकी दी कि अगर स्कूल में सिख छात्रों को पगड़ी और कृपाण के साथ भेजा गया तो उन बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
जब इस मामले में विवाद फैलने लगा तो आनन-फानन में बरेली जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और जिला मजिस्ट्रेट शिवकांत द्विवेदी ने गुरुवार को ही बयान जारी करके कहा कि इस विवाद को खत्म करने के लिए सिख समुदाय और स्कूल प्रबंधन से बात की गई है, दोनों पक्षों की बात सुनी गई और स्कूल प्रबंधन को आदेश वापस लेने के लिए कहा गया है।
वहीं विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए स्कूल प्रबंधन का कहना है कि यह बात गलतफहमी के कारण हो गई थी और इसके लिए प्रबंधन ने सिख समुदाय से माफी भी मांग ली है और विवाद को सुलझा लिया गया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)