मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में पीड़ितों की मदद के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु योजना लागू

By भाषा | Updated: October 16, 2021 21:04 IST2021-10-16T21:04:26+5:302021-10-16T21:04:26+5:30

Scheme implemented to motivate people to help road accident victims in Madhya Pradesh | मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में पीड़ितों की मदद के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु योजना लागू

मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में पीड़ितों की मदद के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु योजना लागू

भोपाल, 16 अक्टूबर सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र की ‘‘गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना को मध्य प्रदेश में लागू किया गया है। इसमें पीड़ितों को स्वर्ण घंटे (प्रारंभिक बेशकीमती समय जब पीड़ितों के अस्पताल पहुंचाये जापर पर उसकी जान बचने की गुंजाइश होती है) के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा।

मध्य प्रदेश यातायात और सड़क सुरक्षा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जी जनार्दन ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ गुड सेमेरिटन स्कीम’’ (नेक आदमी योजना) के तहत कोई भी आदमी सड़क हादसे के पीड़ित व्यक्ति को एक घंटे की भीतर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे पांच हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। केंद्र की यह योजना मध्यप्रदेश में दशहरा (15 अक्टूबर) से लागू हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आम जनता को आपात स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मदद करने और बेकसूर लोगों की जीवन को बचाने के लिए प्रेरित करना है।

अगस्त में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि वर्ष 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए और उनमें 1,31,714 मौतें हुई।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जा सकता है। सम्मान के तौर पर पांच हजार रुपए नकद और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जायेगा। सड़क हादसे के शिकार व्यक्ति के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में चोट या कम से कम तीन दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहने या बड़ी सर्जरी होने की स्थिति में मदद करने वाला व्यक्ति गुड सेमेरिटन नकद पुरस्कार के लिए पात्र होगा।

स्वर्ण घंटे (गोल्डन आवर) के बारे में पूछे जाने पर एडीजी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के धारा 2 (12ए) के अनुसार स्वर्ण घंटे का मतलब वह एक घंटे का समय है जो व्यक्ति को दर्दनाक चोट लगने के बाद का एक घंटा होता है। इस एक घंटे के दौरान पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करके उसकी मृत्यु की रोकथाम की उच्चतम संभावना होती है।

उन्होंने कहा कि इसमें हर साल दस राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार होंगे जिन्हें उन सभी लोगों में से चुना जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में अतिरिक्त तौर पर एक लाख रुपये का पुरस्कार, प्रशंसा पत्र और एक ट्रॉफी दी जाएगी।

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Web Title: Scheme implemented to motivate people to help road accident victims in Madhya Pradesh

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