प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिए योजना मंजूर

By भाषा | Updated: June 5, 2021 21:41 IST2021-06-05T21:41:09+5:302021-06-05T21:41:09+5:30

Scheme approved to help financially weak students preparing for competitive exams | प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिए योजना मंजूर

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिए योजना मंजूर

जयपुर, पांच जून राजस्थान सरकार ने विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ लागू करने की स्वीकृति दी है। इस योजना का लाभ हर वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को मिलेगा। वित्त विभाग ने योजना के लिए परिपत्र के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि राज्य के मेधावी विद्यार्थी आर्थिक तंगहाली के कारण अपने सुनहरे भविष्य से वंचित नहीं रहे --इस सोच के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना को मंजूरी दी है।

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा अल्पसंख्यक मामलात विभाग के माध्यम से संचालित की जाने वाली इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय आठ लाख रूपए प्रतिवर्ष से कम है। साथ ही, ऐसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता राज्य सरकार के कार्मिक के रूप में पे-मेट्रिक्स लेवल-11 तक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं, वे भी योजना के लिए पात्र होंगे।

परिपत्र के अनुसार, किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का लाभ केवल एक वर्ष की अवधि के लिए देय होगा। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा, सब-इंस्पेक्टर एवं 3600 ग्रेड पे या पे-मैट्रिक्स लेवल-10 से ऊपर की अन्य परीक्षा, रीट, राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित ग्रेड पे-2400 या पे-मेट्रिक्स लेवल-5 से ऊपर की परीक्षा, कान्स्टेबल परीक्षा, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा तथा क्लैट परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

इसमें परीक्षार्थियों की मेधा का निर्धारण 12वीं अथवा 10वीं के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा। विभाग जिलावार लक्ष्य निर्धारित कर विद्यार्थियों की मेधा के अनुरूप चयनित संस्थानों के माध्यम से कोचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। छात्र-छात्राओं के चयन के समय यह प्रयास किया जाएगा कि लाभार्थियों में कम से कम 50 प्रतिशत छात्राएं हों।

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Web Title: Scheme approved to help financially weak students preparing for competitive exams

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