वकीलों को न्यायाधीश बनाने संबंधी एससीबीए के दावे की प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय ने नहीं की पुष्टि

By भाषा | Updated: June 8, 2021 23:05 IST2021-06-08T23:05:12+5:302021-06-08T23:05:12+5:30

SCBA's claim to make lawyers judges has not been confirmed by the office of the Chief Justice | वकीलों को न्यायाधीश बनाने संबंधी एससीबीए के दावे की प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय ने नहीं की पुष्टि

वकीलों को न्यायाधीश बनाने संबंधी एससीबीए के दावे की प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय ने नहीं की पुष्टि

नयी दिल्ली, आठ जून उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एसएसीबीए) ने मंगलवार को दावा किया कि देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों का न्यायाधीश बनाने के अनुरोध पर विचार करने को कहा है। लेकिन, प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा है।

एससीबीए के दावे के बाद, उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया (एमओपी) के जानकार ने कहा कि उच्च न्यायालय की पीठों के लिए वकीलों का न्यायाधीश के तौर पर चुने जाने का विशेषाधिकार मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले उच्च न्यायालय के कॉलेजियम के पास होता है।

इससे पहले, एससीबीए के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रधान न्यायाधीश एससीबीए के अनुरोध पर सहमत हो गए हैं और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से शीर्ष अदालत में वकालत करने वाले वकीलों को न्यायाधीश बनाने का आग्रह किया है।

हालांकि, उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया के जानकारों ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए वकीलों का नाम चुनने की आरंभिक प्रक्रिया में प्रधान न्यायाधीश कार्यालय की कोई भूमिका नहीं होती। मौजूदा चलन के तहत उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम नामों की अंतिम सूची बनाता है और वहां वकालत करने वाले वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश करता है।

सिंह ने कहा था कि एससीबीए की कार्यकारिणी समिति ने एक ‘सर्च कमेटी’ बनायी है जिसमें उनके अलावा संगठन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य महालक्ष्मी पवानी और चार सदस्य - राकेश द्विवेदी, शेखर नफाडे, विजय हंसारिया और वी गिरी हैं। यह कमेटी न्यायाधीशों के पद पर नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले प्रतिभावान और सुयोग्य वकीलों की पहचान की प्रक्रिया में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय का कॉलेजियम उच्च न्यायालय के बार से आए नामों के साथ इन नामों पर विचार कर सकता है।’’

सिंह ने 31 मई को प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले वकीलों के पास व्यापक अनुभव होता है। उनके पास दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानूनों से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने की भी अच्छी जानकारी होती है। पत्र में कहा गया, ‘‘लेकिन उच्च न्यायालय कभी-कभार ही इन वकीलों को न्यायाधीश बनाने पर विचार करता है क्योंकि वे नियमित तौर पर उच्च न्यायालय में वकालत नहीं करते हैं। पेशेगत तौर पर उच्च न्यायालय के अपने सहयोगियों से ज्यादा प्रतिभावान होने के बावजूद उन्हें न्यायाधीश बनने का मौका नहीं मिलता है।

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Web Title: SCBA's claim to make lawyers judges has not been confirmed by the office of the Chief Justice

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