पचहत्तर साल में एससी-एसटी को योग्यता के उस स्तर पर नहीं लाया जा सका, जहां अगड़ी जातियां हैं: केंद्र

By भाषा | Updated: October 6, 2021 21:08 IST2021-10-06T21:08:42+5:302021-10-06T21:08:42+5:30

SC-ST could not be brought to the level of merit where there are forward castes in seventy-five years: Center | पचहत्तर साल में एससी-एसटी को योग्यता के उस स्तर पर नहीं लाया जा सका, जहां अगड़ी जातियां हैं: केंद्र

पचहत्तर साल में एससी-एसटी को योग्यता के उस स्तर पर नहीं लाया जा सका, जहां अगड़ी जातियां हैं: केंद्र

नयी दिल्ली, छह अक्टूबर केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से बुधवार को कहा कि यह ‘‘जीवन का तथ्य’’ है कि करीब 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को योग्यता के उस स्तर पर नहीं लाया जा सका है, जिस पर अगड़ी जातियां हैं।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ से कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना "अधिक कठिन" है और अब समय आ गया है, जब शीर्ष अदालत को रिक्त पदों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कुछ "ठोस आधार" देना चाहिए।

शीर्ष अदालत एससी और एसटी से संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मुद्दे पर दलीलें सुन रही थी।

इसने कहा कि आंकड़ो से पता चलता है कि समूह ए की नौकरियों में संबंधित श्रेणियों का प्रतिनिधित्व कम है और यह "उचित नहीं" है कि इसमें सुधार करने की जगह समूह बी और सी श्रेणियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा रहा है।

पीठ ने कहा, “हम देख रहे हैं कि समूह ए में प्रतिनिधित्व कम है। इसलिए, समूह ए में प्रतिनिधित्व में सुधार करने के बजाय, आप समूह बी और सी में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर रहे हैं। यह उचित नहीं है। यह सरकार का तर्क है।"

पीठ ने यह टिप्पणी केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह द्वारा आंकड़ों का हवाला दिए जाने के बाद की।

सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि समूह ए और बी की नौकरियों में प्रतिनिधित्व जहां कम है, वहीं समूह सी और डी में प्रतिनिधित्व अधिक है।

उन्होंने कहा, "यह जीवन का एक तथ्य है, क्योंकि हम 75 वर्षों के बाद भी एससी और एसटी को अगड़े वर्गों के समान योग्यता के स्तर पर लाने में सक्षम नहीं हैं।" वेणुगोपाल ने कहा, "एससी और एसटी के लिए समूह ए और बी में उच्च पद पाना अधिक कठिन है।’’

वेणुगोपाल ने कहा कि अब समय आ गया है जब रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और ओबीसी के लिए कोई ठोस आधार दिया जाए।

पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित मुद्दे को नहीं देख रही है और मामला पदोन्नति में एससी और एसटी को आरक्षण दिए जाने से संबंधित है।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मुताबिक केंद्र सरकार और 53 विभागों में करीब 5,000 कैडर हैं।

वेणुगोपाल ने कहा कि वह इस मामले में हलफनामा दाखिल करेंगे।

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Web Title: SC-ST could not be brought to the level of merit where there are forward castes in seventy-five years: Center

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