कर्नाटक: अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई के लिये सुप्रीम कोर्ट तैयार, उपचुनाव को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी
By पल्लवी कुमारी | Updated: September 23, 2019 14:16 IST2019-09-23T14:16:48+5:302019-09-23T14:16:48+5:30
निर्वाचन आयोग ने न्यायालय से कहा है कि 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का आदेश उन्हें कर्नाटक में उपचुनाव लड़ने के उनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता ।

कर्नाटक: अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई के लिये सुप्रीम कोर्ट तैयार, उपचुनाव को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 17 अयोग्य ठहराए गए विधायकों को आने वाले उपचुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। राज्य में 21 अक्टूबर को उपचुनाव होने वाले हैं। विधायकों की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 25 सितंबर को करेगा। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि वह अयोग्य विधायकों की याचिका पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगी। इस याचिका में अयोग्य विधायकों ने उपचुनाव लड़ने के लिए अंतरिम राहत की मांग की है।
अयोग्य विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के आदेश के अनुसार ये लोग इस विधानसभा के शेष कार्यकाल में चुनाव नहीं लड़ सकते, यह कार्यकाल 2023 को समाप्त होगा। इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि उन्हें ‘सकारात्मक’ फैसला आने की उम्मीद है।
Supreme Court issues notice to the Karnataka Assembly Speaker, on hearing plea of 17 disqualified Karnataka MLAs to allow them to contest by-polls scheduled on October 21. Supreme Court to hear the matter on 25th September. pic.twitter.com/S9wI6B3LQ5
— ANI (@ANI) September 23, 2019
निर्वाचन आयोग ने न्यायालय से कहा कि कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। निर्वाचन आयोग ने न्यायालय से कहा है कि 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का आदेश उन्हें कर्नाटक में उपचुनाव लड़ने के उनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता ।
इन सभी 17 विधायकों को कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल कानून) के तहत अयोग्य करार दिया था। दरअसल, उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है, और अगर ऐसे में शीर्ष अदालत उससे पहले विधायकों को राहत नहीं देती है तो उनका राजनीतिक करियर दांव पर लग जाएगा।
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को आर. शंकर और एस टी सोमशेखर सहित अयोग्य करार दिए गए कुछ विधायकों से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि बोम्मई ने विधायकों को शाह और येदियुरप्पा की मुलाकात के बारे में बताया और आश्वासन दिया कि पार्टी उनके साथ है।