न्यायालय ने केंद्र से 72 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मुद्दे का हल करने को कहा

By भाषा | Updated: October 8, 2021 22:05 IST2021-10-08T22:05:42+5:302021-10-08T22:05:42+5:30

SC asks Center to resolve issue of permanent commission to 72 women officers | न्यायालय ने केंद्र से 72 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मुद्दे का हल करने को कहा

न्यायालय ने केंद्र से 72 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मुद्दे का हल करने को कहा

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन प्राप्त 72 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र को शुक्रवार को एक आखिरी मौका दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि स्थायी कमीशन प्रदान किया जाना, इस साल 25 मार्च के न्यायालय आदेश के अनुरूप होना चाहिए और उसके बाद वह महिला अधिकारियों द्वारा दायर अवमानना ​​मामले को बंद कर देगा।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालासुब्रमण्यम से व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा क्योंकि शीर्ष अदालत का आदेश स्पष्ट था कि यदि महिला अधिकारियों ने 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और वे मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करती हैं और सतर्कता तथा अनुशासनात्मक मंजूरी हासिल करती हैं तो उनके नाम पर विचार करने की आवश्यकता है।

जैन ने शुरू में कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल किया है जिससे पता चलता है कि उनके (महिलाओं के) आचरण पर विशेष चयन बोर्ड ने विचार किया जिसके बाद उन्हें फिट नहीं पाया गया। पीठ ने कहा, ‘‘हमने यह भी कहा है कि स्थायी कमीशन सतर्कता और अनुशासनात्मक मंजूरी के अधीन प्रदान किया जाएगा। मंजूरी नहीं मिलने पर हम समझौता नहीं करेंगे। आखिरकार, हम भारतीय सेना के मामले देख रहे हैं। हम सतर्कता मंजूरी के महत्व को भी जानते हैं। हम भी इस देश के सैनिक हैं।’’

जैन ने कहा कि उन्हें अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए और अदालत सभी 72 महिला अधिकारियों के मामलों की सुनवाई की अगली तारीख पर स्थायी कमीशन से इनकार करने के पत्र पर विचार कर सकती है। पीठ ने पूछा कि क्या इन 72 अधिकारियों को 60 अंक मिले हैं या नहीं। जैन ने बताया कि उन सभी ने 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं लेकिन उन्हें विशेष बोर्ड द्वारा ‘अनफिट’ पाया गया और उसके बाद चिकित्सा जांच और सतर्कता मंजूरी की प्रक्रिया होती।

पीठ ने कहा, ‘‘नहीं, हम इसमें नहीं जाएंगे। आप स्वयं इस मुद्दे को देखें और मुद्दों को हल करने का प्रयास करें। अगर उन्हें 60 प्रतिशत अंक मिले हैं और चिकित्सा और सतर्कता (की मंजूरी की व्यवस्था) बाद में है तो किस आधार पर फैसला लिया गया। आप दोनों (जैन और बालासुब्रमण्यम) इस पर गौर करें। हम मामले को 22 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं।’’

शीर्ष अदालत ने एक अक्टूबर को सेना को शॉर्ट सर्विस कमीशन प्राप्त 72 महिला अधिकारियों को सेवा से मुक्त करने से रोक दिया था, जिन्हें अगले आदेश तक स्थायी कमीशन के लिए योग्य नहीं माना गया था। न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था कि इन महिलाओं को सेवा के लिए क्यों नहीं उपयुक्त माना गया।

महिला अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के 25 मार्च के फैसले पर सेना ने विचार नहीं किया और उन सभी 72 महिलाओं को स्थायी कमीशन प्रदान करने से इनकार कर दिया गया।

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Web Title: SC asks Center to resolve issue of permanent commission to 72 women officers

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