केन्द्रीन अन्वेषण ब्यूरो(CBI) कोलकाता के पुलिस कमिश्चर राजीव कुमार से शिलांग में शारदा चिटफंड घोटाले मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। कोलकाता पुलिस कमिश्चर राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप है।
शिलांग में 9 फरवरी की सुबह ही सीबीआई के अधिकारी और राजीव कुमार सीबीआई मुख्यालय में पहुंच चुकी थी। शिलांग में पूछताछ के लिए जगह को सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है।
राजीव कुमार ने CBI से कहा- ना हो लंबी पूछताछ
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजीव कुमार ने सीबीआई से कहा है कि वो ज्यादा लंबी पूछताछ ना करें, क्योंकि वो शिलांग में एक दिन के लिए ठहरना नहीं चाहते हैं। इस अलावा उन्होंने तर्क दिया कि बसंत पंचमी( सरस्वती पूजा) 10 फरवरी को हो और बोर्ड की परीक्षाएं 12 फरवरी को है, इसी लिए वह ज्यादा देर तक यहां नहीं रुक पाएंगे।
पूछताछ से एक दिन पहले ही रात में शिलांग पहुंचे राजीव कुमार
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,''कुमार को शहर के एक बहुत बड़े होटल में ठहराया गया है। राज्य पुलिस उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है।'' सीबीआई अधिकारियों का एक समूह उनसे पूछताछ करने के लिए दिल्ली से आया है। वह भी शुक्रवार को रात में पहुंच गए थे। दिल्ली से आई सीबीआई टीम में 10 लोग शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट का शारदा चिटफंड मामले में फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को कोलकाता के पुलिस कमिश्चर को सीबीआई के सामने पेश होने और शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े मामलों की जांच में उसके साथ ‘विश्सनीय रूप से’ सहयोग करने का निर्देश दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि शारदा चिटफंड घोटाले की एसआईटी जांच के अगुवा रहे राजीव कुमार ने इलेक्ट्रोनिक सबूत के साथ छेड़छाड़ की और उन्होंने सीबीआई को जो दस्तावेज सौंपे, उनमें से कुछ में छेड़छाड़ की गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ‘सभी अनावश्यक विवादों से बचने के लिए’ कुमार को तटस्थ स्थान शिलांग में सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया।
आखिर क्यों धरने पर बैंठी थीं ममता बनर्जी
चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस कमिश्रर राजीव कुमार से पूछताछ के प्रयास के बाद केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी बीते रविवार(3 फरवरी) शाम को कोलकाता में धरने पर बैठी थीं। सीबीआई की एक टीम रविवार को मध्य कोलकाता में कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंची थी लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें थाने ले गए। सीबीआई कुमार से लापता दस्तावेज और फाइलों के बारे में पूछताछ करना चाहती थी। हालांकि ममता बनर्जी ने तीन दिन 5 फरवरी शाम को अपना धरना खत्म कर लिया था।
इस पूरे मामले पर केंद्र की मोदी सरकार से लोहा ले रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विभिन्न राजनीतिक दलों का जबर्दस्त समर्थन मिला था। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने इस समर्थन को ‘‘भ्रष्टों का गठबंधन’’ करार दिया है। (पीटीआई इनपुट के साथ)