महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, अजीत पवार ने पाप किया उसका शरद पवार से कोई संबंध नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 23, 2019 09:54 IST2019-11-23T09:52:17+5:302019-11-23T09:54:11+5:30
संजय राउत ने कहा, अजीत पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा, इससे शरद पवार का कोई संबंध नहीं है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की है.
महाराष्ट्र के नए राजनीतिक घटनाक्रम में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार बीजेपी सरकार में शामिल हो गए हैं। शनिवार सुबह देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
इस घटनाक्रम पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अजीत पवार ने जो पाप किया है उससे शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने दो बार उद्धव ठाकरे फोन किया किया है।
राउत ने कहा, अजीत पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा, इससे शरद पवार का कोई संबंध नहीं है। यह धोखा महाराष्ट्र की जनता और छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हुआ है। शुक्रवार की बैठक को लेकर राउत ने बताया, 'कल अजीत पवार बैठक में हमसे बात नहीं कर रहे थे। उनकी बॉडी लैंग्वेज ही अलग थी, शरद पवार को भी यह महसूस हो गया था। वह थोड़ी देर में बाहर चले गए थे और उनका फोन बंद हो गया था।
महाराष्ट्र में अजीत पवार के देवेंद्र फड़नवीस सरकार में शामिल होने के फैसले पर शरद पवार ने कहा है कि यह अजीत पवार का निजी फैसला है, एनसीपी का नहीं। यह साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) https://twitter.com/PawarSpeaks/status/1198088033150500865?ref_src=twsr…">November 23, 2019
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
एनसीपी नेता अजित पवार ने शनिवार सुबह राज भवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह एक समारोह में देवेंद्र फड़नवीस के साथ ही अजीत पवार को शपथ दिलाई। इस दौरान केवल आधिकारिक मीडिया ही मौजूद रही।
फड़नवीस ने कहा, ‘‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की।’’
उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ‘‘24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।’’ सभी को हैरत में डालने वाले इस शपथ ग्रहण को शरद पवार का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है।