शिवसेना के नेता संजय राउत ने राज्य सभा चेंबर में अपनी जगह बदले जाने को लेकर नाराजगी जताई है। संजय राउत ने राज्य सभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ये फैसला जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को चोट पहुंचाने और पार्टी की आवाज दबाने के लिए लिया गया।
संजय राउत की ये नाराजगी उस समय आई है जब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध कायम है। साथ ही शिवसेना के केंद्र में एक मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, एनडीए से अलग होने की कोई औपचारिक घोषणा शिवसेना की ओर से नहीं की गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार संजय राउत ने राज्य सभा चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा, 'मैं ये देखकर हैरान हूं कि राज्य सभा चेंबर में मेरे बैठने के स्थान को तीसरे से पांचवीं पंक्ति में बदल दिया गया है। ये फैसला किसी के द्वारा जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं पर चोट करने और आवाज दबाने के लिए लिया गया है।'
संजय राउत ने साथ ही लिखा, मैं इस गैरजरूरी तौर पर उठाये गये कदम के कारण को भी समझ नहीं पा रहा हूं क्योंकि एनडीए से अलग होने को लेकर कोई भी औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। इस फैसले ने सदन की गरिमा को प्रभावित किया है। मैं गुजारिश करता हूं कि हमें 1/2/3 नंबर पंक्ति की सीट दी जाए और सदन की शिष्टता भी कायम रखी जाए।
गौरतलब है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच तनातनी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बनी हुई है। दरअसल, 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिये जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई।
बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं।
इस बीच शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस से मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों की भी खबरें आती रही हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है।