Lok Sabha Elections 2024: संजय निरुपम एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना में शामिल होंगे, 19 साल के बाद होगी 'घर वापसी'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 1, 2024 22:10 IST2024-05-01T22:08:18+5:302024-05-01T22:10:16+5:30
शिवसेना से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले संजय निरुपम की 19 साल के बाद फिर से ‘घर वापसी’ होगी। कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद वह महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं।

(फाइल फोटो)
Lok Sabha Elections 2024: शिवसेना से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले संजय निरुपम की 19 साल के बाद फिर से ‘घर वापसी’ होगी। कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद वह महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं। निरुपम 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया था। वह 2009 के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता राम नाइक को मामूली अंतर से हराकर सांसद निर्वाचित हुए।
कांग्रेस में 19 साल तक रहने के दौरान उन्होंने कई पदों पर काम किया जिनमें से मुंबई इकाई के प्रमुख पद की जिम्मेदारी भी शामिल थी। कांग्रेस ने पिछले महीने "अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों" के चलते छह साल के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। निष्कासन से कुछ दिन पहले ही निरुपम ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर फैसला करने के लिए पार्टी को "एक सप्ताह का अल्टीमेटम" दिया था।
शिवसेना पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "संजय निरुपम जल्द ही शिवसेना में शामिल होंगे।" इस मौके पर निरुपम भी उनके साथ थे, लेकिन शिंदे ने इसे शिष्टाचार मुलाकात करार दिया। इस बीच, शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुंबई में दो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। मुंबई में 20 मई को मतदान होगा।
मूल रूप से बिहार के निवासी निरुपम 1990 के दशक में पत्रकारिता के रास्ते राजनीति में आए। वह मुंबई से प्रकाशित अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ के संपादक बने। उनके कार्य से प्रभावित तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने उन्हें 1996 में राज्यसभा भेजा। निरुपम शिवसेना के मुखर नेता के रूप में उभरे। शिवसेना उस वक्त मुंबई में बसे उत्तर भारतीय मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही थी। हालांकि निरुपम को उस वक्त झटका लगा जब शिवसेना ने 2005 में उनसे राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने को कहा। शिवसेना से मतभेद होने पर अंतत: 2005 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।
बता दें कि मुंबई की छह लोकसभा सीटों पर चुनावी मुकाबलों के लिए तलवारें खिंच गई हैं। यहां एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) तीन सीटों पर आमने-सामने होंगी। मुंबई की दो सीटों पर चिर प्रतिद्वंद्वियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच मुकाबला होगा जबकि एक सीट पर शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा आमने-सामने होंगी।
मुंबई के छह निर्वाचन क्षेत्रों में मुंबई दक्षिण, मुंबई दक्षिण-मध्य, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर-मध्य, मुंबई उत्तर-पूर्व, मुंबई उत्तर-पश्चिम शामिल हैं। ये महाराष्ट्र की उन 13 सीटों में शामिल हैं, जिन पर 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा।
(इनपुट- भाषा)